पटना, जेएनएन। प्रदेश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच केंद्र सरकार ने बिहार को 264 वेंटिलेटर दिए हैं। इससे पहले भी केंद्र सरकार ने बिहार को सौ वेंटिलेटर दिए थे। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि ये सभी वेंटिलेटर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लगेंगे। एम्स पटना में 25 वेंटिलेटर लगाए जाएंगे। शेष दूसरे मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लगाए जाएंगे, जहां हाल ही में सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए सौ-सौ बेड आरक्षित किए हैं। इससे राज्य के मरीजों को इलाज के लिए दूर-दराज नहीं जाना होगा।
मातृ मृत्यु दर में आई गिरावट
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर में 2014 के बाद पहली बार 16 अंकों की गिरावट हुई है। 2014-17 के बीच राज्य में प्रति एक लाख पर 165 माताओं की मृत्यु हो जाती थी। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के अनुसार 2018 में वह आंकड़ा गिरकर 149 पर आ गया है। पूरे देश में जहां मातृ मृत्यु दर में पिछले तीन वर्षों में नौ अंकों की कमी आई, वहीं बिहार में यह कमी 16 अंकों की है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि किस तरह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं।
औसत आयु में हुई बढ़ोतरी
बकौल मंगल पांडेय, बिहार में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की एक और बड़ी उपलब्धि यह है कि 2016 तक बिहार के लोगों की औसत आयु जहां 68.07 वर्ष थी, वह एसआरएस 2018 के अनुसार बढ़कर 68.09 वर्ष हो गई है। इस तरह लोगों की औसत आयु में दो महीने की वृद्धि हुई है। इसी तरह शिशु मृत्यु दर भी प्रति हजार 35 से घटकर राष्ट्रीय औसत 32 के बराबरी पर आ गया है, जो पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के क्षेत्र में भी बिहार आगे बढ़ रहा है और अब तक 86 फीसद टीकाकरण का काम पूरा किया जा चुका है।
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