Move to Jagran APP

CBSE 10th. Result Toppers Speak: नव्‍या व अलिफा के लिए उम्‍मीद से बेहतर रहा रिजल्‍ट, कहा- नियमित पढ़ाई का मिला फल

CBSE 10th. Result Toppers Speak पटना की नव्‍या व अलिफा ने 99 फीसद अंकों के साथ 10वीं में टॉप किया। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें नियमित पढ़ाई का मिला। आइए जानते हैं उनकी बातें।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 10:59 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 11:27 PM (IST)
CBSE 10th. Result Toppers Speak: नव्‍या व अलिफा के लिए उम्‍मीद से बेहतर रहा रिजल्‍ट, कहा- नियमित पढ़ाई का मिला फल
CBSE 10th. Result Toppers Speak: नव्‍या व अलिफा के लिए उम्‍मीद से बेहतर रहा रिजल्‍ट, कहा- नियमित पढ़ाई का मिला फल

पटना, जागरण टीम। CBSE 10th. Result Toppers Speak: केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बुधवार को 10वीं का रिजल्‍ट जारी कर दिया। इसमें पटना जोन के 90.69 फीस परीक्षार्थी उत्‍तीर्ण रहे। टॉपर्स की बात करें तो नोट्रेडेम एकेडमी (पटना) की नव्‍या नियामक तथा केद्रीय विद्यालय (बेली रोड, पटना) की अलिफा इश्तियाक ने 99 फीसद अंकों के साथ पहला स्‍थान प्राप्‍त किया है। दैनिक जागरण से बातचीत में दोनों ने अपनी सफलता का श्रेय स्‍वजनों व गुरुजनों को दिया। खास बात यह भी रही कि दोनों ने नियमित पढ़ाई की।  दोनों ने कहा कि रिजल्‍ट उम्‍मीद से बहतर रहा। आगे नव्‍या स्‍पेस साइंटिस्‍ट तो अलिफा डॉक्‍टर बना चाहती हैं। अलिफा को मलाल है कि वह छोटी है, अगर बड़ी होती तो कोरोना संकट के काल में डॉक्‍टर बनकर लोगों की सेवा तो कर रही होती।

loksabha election banner

अन्‍य टॉपर्स की बात करें तो केंद्रीय विद्यालय (बेली रोड) के अपूर्व, डीएवी पब्लिक स्‍कूल (शास्त्री नगर) के आयुष प्रतीक और बीडी पब्लिक स्कूल की श्वेता कुमारी ने 98.4 फीसद अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से सेकेंड टॉप किया। संत माइकल हाईस्कूल के रोहन वत्स और ज्ञान निकेतन के पुरणेंदु ने संयुक्त रूप से 97.8 अंक प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्‍त किया। 10वीं परीक्षा में इस बार बिहार से 1,53,788 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिनमें से 90.69 फीसद सफल रहे।

बड़ी होकर स्‍पेस साइंटिस्‍ट बनना चाहती है नव्या नियामक

पटना के नोट्रेडेम एकेडमी की छात्रा नव्या नियामक को सीबीएसई 10वीं की परीक्षा में 99 फीसद अंक हासिल हुए हैं। शास्त्रीनगर की रहने वाली नव्या विज्ञानी बनकर स्‍पेस साइंस में रिसर्च करना चाहती है। जब रिजल्ट घोषित हुआ तो वह घर पर ही थी। पिता ने उसे रिजल्ट की जानकारी दी। पापा का मुस्कुराता चेहरा देखकर ही उसे विश्वास हो गया था कि अच्छे मार्क्‍स आए हैं। उसके अनुसार 98 फीसद मार्क्‍स की उम्मीद थी, लेकिन उससे भी ज्यादा मिल गया। हां, फेवरेट सब्जेक्ट में कुछ अंक कम आये, इसका थोड़ा मलाल भी है। वह रोज नौ से 12 घंटे पढ़ाई करती थी।

सोशल मीडिया से रहीं दूर: नव्‍या ने बताया कि वह खुद को फेसबुक और सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रखती है। पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद वाट्सऐप से जरूर लेती है, लेकिन इससे अधिक नही।

खलती थी मां की कमी: अपनी सफलता का श्रेय व पापा-मम्मी को देती है। बताती है कि परीक्षा की तैयारी के दौरान मां साथ नहीं थीं। वे कटिहार में जॉब करती हैं। वहीं से रोज फोन करके बेटी को मोटिवेट करती थीं। नव्या का कहना है कि परीक्षा की तैयारी के दौरान मां की कमी खलती थी।

पापा रखते थे पूरा ध्‍यान: हां, सिविल कोर्ट में काम करने वाले पापा पूरा ध्‍यान रखते थे। वे बेटी को कोचिंग ले जाते थे। परीक्षा के दौरान ड्यूटी से आने के बाद थके होने के बाद भी पिता ही खाना बनाते थे और परीक्षा की तैयारी कराने में भी मदद करते थे।

बहन की शादी में भी अलिफा की पढ़ाई पर नहीं लगा विराम

सीबीएसई 10वीं की परीक्षा में केंद्रीय विद्यालय, बेली रोड की अलिफा इश्तियाक 99 फीसद अंक हासिल करने में कामयाब रही। वह राजधानी के हारून नगर की रहने वाली है। उसके पिता सचिवालय में काम करते हैं। परीक्षा के दौरान ही उसकी बहन की शादी तय हो गई। घर में शादी की भीड़-भाड़ और शोरगुल के दौरान पढ़ाई जारी रखना चुनौती थी, लेकिन उसने ऐसा कर दिखाया। शादी की रस्मों को पूरा करते हुए दो घंटे हर हाल में पढ़ाई के लिए देती रही। इसका फायदा भी मिला।

रोज करती थी पांच-छह घंटे पढ़ाई: जैसे ही अलिफा के स्कूल से टॉपर होने की सूचना मिली, पूरा परिवार खुशी से उछल पड़ा। अलिफा का कहना है कि स्कूल से लौटने के बाद घर पर रोज पांच-छह घंटे पढ़ाई करती थी। खुद ही अपने नोट्स भी तैयार किये। पढ़ाई के दौरान मुख्य टॉपिक को लिख लेती थी। परेशानी होने पर शिक्षकों की ऑनलाइन मदद ले लेती थी। परीक्षा के दौरान ही कोरोना के मामले सामने आने लगे। लगा कि आखिरी पेपर सोशल साइंस की परीक्षा रद हो जाएगी। लेकिन उसने अपनी तैयारी जारी रखी और आखिर परीक्षा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही हुई।

डॉक्‍टर बन जन सेवा करने का सपना: अलिफा अपनी सफलता का श्रेय अपनी दोनों बहनों, माता-पिता और अपने स्कूल के शिक्षकों को देती है। वह आगे चलकर विज्ञान विषय में पढ़ाई करना चाहती है। उसकी तमन्ना एक सफल डॉक्टर बनने की है। वह बेहतर रिजल्ट को लेकर पहले से आश्वस्त थी, लेकिन यह उम्मीद से भी बेहतर रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.