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पटना के डाकघर घोटाले में सीबीआइ ने शुरू की जांच, 142 खातों से डेढ़ करोड़ रुपए के घोटाले का मामला

CBI investigation पटना के शास्त्री नगर उपडाकघर घोटाले में सीबीआइ जांच भी शुरू दोतरफा घिरे आरोपित विभागीय कार्यवाही के साथ सीबीआइ जांच की भी जद में आए सितंबर 2020 में सामने आया था घोटाला 142 खातों से निकाले गए हैं करीब डेढ़ करोड़

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 09:34 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 09:34 AM (IST)
पटना के डाकघर घोटाले में सीबीआइ ने शुरू की जांच, 142 खातों से डेढ़ करोड़ रुपए के घोटाले का मामला
पटना के शास्‍त्रीनगर उप डाकघर में हुआ था डेढ़ करोड़ रुपए का घोटाला। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। शास्त्री नगर उपडाकघर घोटाले के आरोपित अब घिर गए हैं। विभागीय कार्यवाही तो चल ही रही है, अब सीबीआइ ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। शास्त्रीनगर उपडाकघर में सितंबर 2020 में घोटाले की बात सामने आई थी। जांच में कुल 142 खातों की जांच की गई। इन खातों से एक करोड़ 42 लाख 74 हजार 734 रुपये की फर्जी निकासी हुई है। अधिकृत सूत्रों ने कहा कि पूर्व में मामले से जुड़े कागजात सीबीआइ को सौंप दिए गए थे। कुछ और कागजात मांगे गए हैं। घोटाले में विभागीय कार्यवाही भी आगे बढ़ी है। इस मामले में तकनीकी गड़बड़ी का फायदा उठाकर डाकघर के कर्मियों ने अपने ही संस्‍थान को चूना लगाया था।

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दो डाक अधिकारी पहले ही हुए थे निलंबित

इन्क्वायरी ऑफिसर सह प्रजेंटिंग ऑफिसर (आइओपीओ) के समक्ष मामले के आरोपित और जांच दल के सदस्यों की ओर से अपनी-अपनी बात रखी जा रही है। मामले में जांच दल की ओर से आरोप सिद्ध करने के लिए कई साक्ष्य आइओपीओ के समक्ष रखे गए हैं। मामले में उपडाकपाल वसुधा सिन्हा व सुजीत कुमार को निलंबित किया गया था। अधिकृत सूत्रों का कहना है कि आरोपितों के हस्ताक्षर से ही राशि की निकासी हुई है। इसका साक्ष्य दे दिया गया है।

सिस्‍टम की गलती का फायदा उठा किया घोटाला

डाकघर के वैसे खाते जो परिपक्व (मैच्योर) हो गए थे, उनमें से खाताधारकों ने अपना पैसा निकाल लिया था। नियमानुसार ऐसे खाते बंद हो जाने चाहिए थे। हालांकि अपडेशन के दौरान ये खाते फिर से कंप्यूटर स्क्रीन पर दर्शाए जाने लगे। साथ ही इसमें अंकित राशि भी ज्यों की त्यों दर्ज रही। इस तकनीकी गड़बड़ी का जालसाजों ने फायदा उठाया, और दोबारा उन्हीं खातों से पैसे की निकासी करने लगे। डाक विभाग के सिस्टम में सीमा से अधिक निकासी या जमा होने पर अलर्ट आता है। इसी क्रम में यह मामला पकड़ा गया था। 


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