CBI छापेमारी के बाद छुट्टी पर गए औरंगाबाद के डीएम, बढ़ेंगी मुश्किलें
बिजली परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में 2 करोड़ 10 लाख की हेराफेरी में आइएएस अधिकारी औरंगाबाद के डीएम कंवल तनुज समेत कई अफसरों पर सीबीआइ ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
पटना [जागरण टीम]। बिहार के औरंगाबाद जिले में नवीनगर में बिजली परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में 2 करोड़ 10 लाख की हेराफेरी में आइएएस अधिकारी औरंगाबाद के डीएम कंवल तनुज समेत कई अफसरों पर सीबीआइ ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सीबीआइ टीम ने जिलाधिकारी तनुज से शनिवार को पटना में करीब सात घंटे तक पूछताछ की है। इसके बाद वे छुट्टी पर चले गए हैं।
छापेमारी के बाद छुट्टी पर गए औरंगाबाद के डीएम
डीएम कंवल तनुज आधिकारिक तौर पर तीन दिन की छुट्टी पर चले गए हैं। जबकि डीडीसी संजीव सिंह बीमार हैं, वहीं एडीएम रामअनुग्रह सिंह अवकाश पर चले गए हैं। डीएम का प्रभार जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी गजेंद्र मिश्र को दिया गया है।
कलेक्ट्रेट में छापेमारी के बाद शनिवार को अधिकांश कार्यालयों में अधिकारी अनुपस्थित रहे। जिला भू-अर्जन कार्यालय में भू-अर्जन अधिकारी भी नहीं दिखे। कर्मियों ने बताया कि वे नहीं आए हैं। एक साथ डीएम, एडीएम एवं जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के न रहने से चर्चा का बाजार गर्म रहा। लोग चर्चा कर रहे थे कि सभी अधिकारियों को सीबीआइ ने पूछताछ के लिए पटना बुलाया है। तीनों अधिकारियों को जांच ब्यूरो के अफसर आमने-सामने बैठा कर भूमि मामले में करोड़ों के घपले की जानकारी लेंगे।
बढ़ेगी परेशानी
सीबीआइ सूत्रों की मानें तो छापेमारियों में सीबीआइ को कंवल तनुज के लखनऊ व नोएडा स्थित ठिकानों से कई ऐसे दस्तावेज जब्त मिले हैं जो प्रथमदृष्टया संदिग्ध लग रहे हैं। इन दस्तावेजों पर कंवल तनुज ने बतौर जिलाधिकारी अपने हस्ताक्षर भी किए हैं।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ अधिकारियों ने हाल के महीनों में तनुज व उनके परिजनों के बैंक खातों से हुए ट्रांजेक्शन से संबंधित दस्तावेज भी पेश किए। हालांकि सीबीआइ के सवालों का औरंगाबाद के जिलाधिकारी ने क्या जवाब दिया, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
सूत्रों ने बताया कि कंवल तनुज दोपहर करीब ढाई बजे सीबीआइ के समक्ष उपस्थित हुए। उसके बाद उनसे लगातार सात घंटे तक पूछताछ की गई।
बता दें कि ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को सुबह कंवल तनुज के आवास समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की। देर शाम तक सीबीआइ ने डीएम के अलावा एडीएम राम अनुग्रह सिंह, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी मंजूर अली और उनके कार्यालय के कर्मचारियों से घंटों पूछताछ की। इस मामले में जांच जारी है।
अधिकारियों के खाते में ट्रांसफर हुआ जमीन का मुआवजा
औरंगाबाद के नवीनगर में भारतीय रेल एवं एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम बीआरबीसीएल (भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड) में 1000 मेगावाट के बिजली घर का निर्माण चल रहा है। 1500 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। अधिग्रहीत जमीन में खाता संख्या 12, खेसरा 01 मौजा कजराइन की 7 एकड़ 45 डिसमिल जमीन को 2015 में मालिक गैरमजरुआ घोषित किया गया था। इसका कोई दावेदार नहीं है।
दो वर्ष बाद 2017 में नवीनगर के गोपाल प्रसाद सिंह (अब मृत) के नाम से रिपोर्ट आई कि ये जमीन उनकी है। मुआवजे का भुगतान किया जाए। आरोप है कि परियोजना के सीईओ सी. शिवकुमार ने 2 करोड़ 10 लाख का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया। ये पैसा अफसरों के खाते में गए हैं। भुगतान कराने में डीएम एवं परियोजना के सीईओ साजिशकर्ता में शामिल किए गए हैं। जमीन गोपाल प्रसाद सिंह की नहीं थी। इसकी शिकायत सीबीआइ में की गई।
सीबीआइ वाले बोले, सीएम को सूचना देकर आए हैं
सीबीआइ की टीम सुबह करीब 8.30 बजे डीएम कंवल तनुज के आवास पर पहुंची। एसपी राजेश रंजन के नेतृत्व में पहुंची टीम ने आवास के अंदर जाते ही गोपनीय शाखा और कार्यालय को कब्जे में ले लिया। यहां रहे कर्मियों को बाहर निकाल ताला लगा दिया गया। इसके बाद कार्रवाई प्रारंभ हुई।
एक कर्मी ने जब कार्यालय से बाहर जाने पर एतराज जताया तो सीबीआइ के अधिकारी ने कहा कि सीएम को सूचना देकर आए हैं। घबराइए नहीं हम सभी सीबीआइ के अधिकारी हैं। स्टेनो विवेक कुमार को अधिकारियों ने आवास से बाहर कर दिया। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी से परिसदन, डीएम आवास एवं कार्यालय में पूछताछ की गई। डीएम और जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की गई है।
कई धाराओं में प्राथमिकी
सीबीआइ के एसपी बिजेंद्र कुमार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। धारा 120बी, 420, 467, 468, 471, 13(2), आर/डब्ल्यू की धारा 13(1)(डी) 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीबीआइ ने परियोजना के सीईओ सी. शिवकुमार, डीएम कंवल तनुज एवं अन्य कर्मियों के विरुद्ध नामजद मामला दर्ज किया है।