मुजफ्फरपुर यौन शोषण मामला: पूर्व DM सहित कई बड़ों तक पहुंचेगी CBI जांच की आंच!
मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में लड़कियों से दुष्कर्म की घटना की जांच अब सीबीआइ करेगी। सीबीआइ इस सिलसिले में एक पूर्व डीएम सहित कई बड़े लोगों से पूछताछ कर सकती है।
By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 29 Jul 2018 02:09 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jul 2018 08:06 PM (IST)
पटना [जागरण टीम]। बिहार के मुजफ्फरपुर स्थिति बालिका गृह में 34 लड़कियों से सन्न कर देने वाली दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इसकी गूंज संसद के मानसून सत्र में भी सुनाई दी। रविवार को सीबीआइ ने घटना की जांच आरंभ कर दी है। इस जांच की आंच कई सफोदपोश लोगाें तक पहुंच सकती है। बताया जाता है कि मुजफ्फरपुर के पूर्व जिलाधिकारी (डीएम) धर्मेंद्र सिंह से भी पूछताछ हो सकती है।
बड़े लोगों से भी हो सकती पूछताछ
बालिका गृह में लड़कियों से यौन शोषण के मामले में पूछताछ का दायरा बड़े अधिकारियों से लेकर नेताओं तक बढ़ सकता है। इसमें जिले के पूर्व डीएम धर्मेंद्र सिंह का भी नाम शामिल है। क्योंकि, ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ सेवा संकल्प व विकास समिति को बालिका गृह चलाने की स्वीकृति समाज कल्याण विभाग में निदेशक पद पर रहते हुए उन्होंने ही दी थी। इसके अलावा उनसे पहले व बाद के निदेशकों से भी पूछताछ हो सकती है।
सहायक निदेशक ने सौंपी रिपोर्ट
इसके पहले शनिवार को बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने एसएसपी हरप्रीत कौर को 14 बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी की रिपोर्ट सौंप दी। इसमें जिला बाल संरक्षण इकाई में पूर्व में कार्यरत सहायक निदेशक व बाल संरक्षण पदाधिकारी के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। बिहार पुलिस से अब जांच सीबीआइ को ट्रांसफर होने के बाद अब सभी से सीबीआइ पूछताछ कर सकती है।
विभाग के अधिकारी रहे लापरवाह
बालिका गृह मामले में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस्स) की रिपोर्ट आने के बाद विभाग की सक्रियता भले बढ़ी हो। मगर, कई स्तर पर विभाग की लापरवाही सामने आ रही है। जिस मकान में बालिका गृह चल रहा था उसे दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कई बार कहा गया। मगर, इसे बदला नहीं गया। इसके बदले ब्रजेश ठाकुर को किराए के मद में लाखों रुपये मिलते थे। इसके अलावा वर्ष 2015 में ही बालिका गृह में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने को लेकर विभाग को कहा गया। मगर, अब तक यहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा।
सीबीआइ जांच आरंभ
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से बालिका गृह प्रकरण में सीबीआइ जांच की अनुशंसा की गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर गृह विभाग ने इसकी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी थी। इसके बाद सीबीआइ ने रविवार को एफआइआर दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी।
बड़े लोगों से भी हो सकती पूछताछ
बालिका गृह में लड़कियों से यौन शोषण के मामले में पूछताछ का दायरा बड़े अधिकारियों से लेकर नेताओं तक बढ़ सकता है। इसमें जिले के पूर्व डीएम धर्मेंद्र सिंह का भी नाम शामिल है। क्योंकि, ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ सेवा संकल्प व विकास समिति को बालिका गृह चलाने की स्वीकृति समाज कल्याण विभाग में निदेशक पद पर रहते हुए उन्होंने ही दी थी। इसके अलावा उनसे पहले व बाद के निदेशकों से भी पूछताछ हो सकती है।
सहायक निदेशक ने सौंपी रिपोर्ट
इसके पहले शनिवार को बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने एसएसपी हरप्रीत कौर को 14 बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी की रिपोर्ट सौंप दी। इसमें जिला बाल संरक्षण इकाई में पूर्व में कार्यरत सहायक निदेशक व बाल संरक्षण पदाधिकारी के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। बिहार पुलिस से अब जांच सीबीआइ को ट्रांसफर होने के बाद अब सभी से सीबीआइ पूछताछ कर सकती है।
विभाग के अधिकारी रहे लापरवाह
बालिका गृह मामले में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस्स) की रिपोर्ट आने के बाद विभाग की सक्रियता भले बढ़ी हो। मगर, कई स्तर पर विभाग की लापरवाही सामने आ रही है। जिस मकान में बालिका गृह चल रहा था उसे दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कई बार कहा गया। मगर, इसे बदला नहीं गया। इसके बदले ब्रजेश ठाकुर को किराए के मद में लाखों रुपये मिलते थे। इसके अलावा वर्ष 2015 में ही बालिका गृह में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने को लेकर विभाग को कहा गया। मगर, अब तक यहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा।
सीबीआइ जांच आरंभ
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से बालिका गृह प्रकरण में सीबीआइ जांच की अनुशंसा की गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर गृह विभाग ने इसकी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी थी। इसके बाद सीबीआइ ने रविवार को एफआइआर दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी।
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