Move to Jagran APP

Durga Puja 2021: बिहार में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन में करें पर्यावरण की चिंता, लापरवाही बरती तो भरना होगा जुर्माना

Durga Puja 2021 बिहार में मूर्ति विसर्जन अधिनियम 2021 लागू हो गया है। इसके तहत दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन में पर्यावरण की चिंता करनी होगी। इसमें लापरवाही बरतने पर 10 हजार का जुर्माना देना पड़ेगा। क्‍या हैं नियम जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 02:54 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 03:08 PM (IST)
Durga Puja 2021: बिहार में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन में करें पर्यावरण की चिंता, लापरवाही बरती तो भरना होगा जुर्माना
मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन की फाइल तस्‍वीर।

पटना, जितेंद्र कुमार। Durga Puja 2021 मां दुर्गा की पूजा के बाद प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर शुरू होगा, लेकिन मूर्ति विसर्जन अधिनियम 2021 के प्रविधान का उल्लंघन करने वाली पूजा समितियों को इस बार 10 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू किए गए इस अधिनियम की धारा 11 के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। नगर निगम को इस अधिनियम के तहत पूजा समितियों को अलग-अलग तालाब में मूर्ति विसर्जन के लिए टैग करना है। गंगा सहित किसी नदी में मूर्ति प्रवाहित करना वर्जित कर दिया गया है।

prime article banner

नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई

जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह कहते हैं कि बिहार पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया नियमावली 2021 सरकार के आदेश से बीते चार अक्टूबर को प्रभावी हो गया है। नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के साथ सभी संबंधित प्राधिकार को मूर्ति विसर्जन के लिए तालाब निर्माण, विसर्जन के लिए टैगिंग और कचरा प्रबंधन के दिशा-निर्देश का अनुपालन का निर्देश दे दिया गया है। नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।

पूजा समिति का दायित्व

प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू नए अधिनियम के तहत पटना नगर निगम को तालाब का निर्माण करना है। मूर्तियों में उपयोग किए गए सिंथेटिक कपड़े, आभूषण, सजावट की वस्तुओं और पूजा सामग्री के साथ फूलों को अलग करना है। पूजा समितियों को घोषणा पत्र देना है कि मूर्ति में प्लास्टर आफ पेरिस, पारा, मैग्नीशियम, आर्सेनिक, कांच, कृत्रिम रंग और क्रोमियम जैसे तत्व का उपयोग नहीं किया गया है। विसर्जन स्थल पर प्रतिमा से अलग की गई सामग्री को जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।

नगर निगम की जिम्मेदारी

नगर निगम को जिम्मेदारी दी गई है कि प्रतिमा विसर्जन के बाद जमा ठोस अपशिष्ट जैसे पुआल, लकड़ी, कील और जूट जैसी सामग्री को एकत्र कर कचरा प्रबंधन स्थल ले जाएगा। इसके लिए 48 घंटे का समय निगम को दिया जाएगा। नियमावली में मूर्ति विसर्जन करने वाली पूजा समिति पर शुल्क लगाने का अधिकार नगर निगम और नगर निकायों को होगा।

पानी की गुणवत्ता की जांच

मूर्ति विसर्जन वाले स्थल की तीन बार पानी की गुणवत्ता जांच होगी। पहली बार तालाब का निर्माण करने के बाद, दूसरी बार मूर्ति विसर्जन के दौरान। विसर्जन के बाद पानी की जांच कर रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की वेबसाइट पर अपलोड कराना है। पानी में पीएच, बायो केमिकल आक्सीजन डिमांड, टोटल सालिड और मेटल, पारा, कांच और कंडक्टिविटी का पता लगाना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.