बच्चों की जानकारी देने के लिए कश्मीर तक से आ रही पटना कंट्रोल रूम को कॉल
कोरोना आपदा के दौरान पटना जिले में एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है जिसमें बच्चे ने माता पिता दोनों को खो दिया हो। अनाथ बच्चों की जानकारी देने को प्रशासन के कोरोना कंट्रोल रूम नंबर और वाट्सऐप पर कश्मीर से लेकर अन्य शहरों से भी कॉल आई है।
जागरण संवाददाता, पटना: कोरोना आपदा के दौरान पटना जिले में एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है जिसमें बच्चे ने माता पिता दोनों को खो दिया हो। हालांकि अनाथ बच्चों की जानकारी देने के लिए जिला प्रशासन के कोरोना कंट्रोल रूम नंबर और वाट्सऐप पर कश्मीर से लेकर अन्य शहरों से भी कॉल आई है। इसके साथ ही बिहार और झारखंड से भी लोग फोन कर रहे हैं।
बिहार और झारखंड के कई शहरों से आ रहे फोन
पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने माता-पिता की कोरोना से मौत के कारण अनाथ हुए बच्चों की जानकारी देने के लिए 0612-2219090 और वाट्सऐप नंबर 7250438107 जारी किया है। बीते तीन दिन के दौरान पटना जिले से ऐसे एक भी बच्चे की सूचना नहीं आई है। हालांकि बिहार और झारखंड के कई शहरों से इन नंबर पर कॉल आ रही है। एक कॉल तो कश्मीर से भी आई। कॉल करने वाले का कहना था कि यहां अनाथ ब'चे को मदद की दरकार है। कॉल करने वालों को बताया जा रहा है कि यह नंबर सिर्फ पटना जिले के लिए है।
परवरिश योजना के तहत बच्चों को होगा फायदा
कोरोना काल में अपने मां-बाप को खो चुके 18 से कम उम्र के नाबालिग बच्चों को सरकार द्वारा संचालित परवरिश योजना से जोड़ा गया है। परवरिश योजना से फायदा यह होगा कि कोरोना काल में अपने माता या पिता को खो चुके बच्चों के निकटतम स्वजन को हर महीने एक हजार रुपये दिए जाएंगे। साथ ही उनके इलाज की भी सुविधा दी जाएगी। जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु कोरोना काल में हुई है, उन्हें सरकार द्वारा संचालित परवरिश योजना के तहत भरण पोषण के लिए एक हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके साथ ही अगर किसी बच्चे की परवरिश के लिए माता या पिता सामने नहीं आते तो उन्हें आश्रय गृह में रखा जाएगा। इन सुविधाओं से बच्चों को बड़ी राहत मिलेगी।