राज्य मंत्रिमंडल के फैसले : मरीजों के आहार भत्ते में दोगुना वृद्धि
सूबे के सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज के भर्ती मरीजों के आहार (पथ्य) भत्ते में दो गुना वृद्धि करने का फैसला लिया है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
पटना। सूबे के सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज के भर्ती मरीजों के आहार (पथ्य) भत्ते में दो गुना वृद्धि करने का फैसला लिया है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
साथ ही, राजधानी के कंकड़बाग स्थित जयप्रभा अस्पताल परिसर में उपलब्ध सात एकड़ जमीन मेदांता अस्पताल को देने के प्रस्ताव पर भी मंत्रिमंडल की मुहर लगा दी गई है। जयप्रभा अस्पताल परिसर की सात एकड़ जमीन पर मेदांता द्वारा अतिविशिष्ट अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने बताया कि मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 36 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें सबसे प्रमुख सरकारी अस्पतालों में इलाज के भर्ती मरीजों के आहार भत्ते में दो गुना की वृद्धि है। राज्य मंत्रिमंडल ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के द्वारा अनुशंसित आहार भत्ता के आलोक में राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों तथा देसी चिकित्सा प्रक्षेत्र के अस्पतालों में अंतर्वासी रोगियों के लिए आहार भत्ता को प्रतिदिन 50 रुपये से बढ़ाकर एक सौ रुपये करने की स्वीकृति प्रदान की है।
इस फैसले से सरकारी खजाने पर हर साल 78.11 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सिन्हा ने बताया कि जयप्रभा अस्पताल के परिसर में उपलब्ध सात एकड़ रिक्त भूमि में लोक-निजी भागीदारी के तहत सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल स्थापित करने के लिए मेदांता को जमीन उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है। ग्लोबल हेल्थ प्राइवेट लि. (मेदांता) को निविदा शर्तों के आधार पर बिड डॉक्यूमेंट के अधीन 33 वर्षों के लिए इस जमीन के उपयोग की अनुमति प्रदान की गई है। मंत्रिमंडल ने राजेंद्र नगर स्थित राजकीय स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय का नाम बदलकर बीपी सिन्हा राजकीय शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय करने के प्रस्ताव को भी अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। बीपी सिन्हा सिने स्टार व पटना साहिब के स्थानीय भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के पिता थे। जबकि कटिहार अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति तथा संस्थान के भवनों के निर्माण के लिए कुल 131.71 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) के अधीन स्वीकृत उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय का नामकरण नालंदा उद्यान महाविद्यालय कर दिया गया है।
सिन्हा ने बताया कि 'सबके लिए आवास (शहरी) योजना' के कार्यान्वयन की स्वीकृति एवं भारत सरकार से समय-समय पर मिलने वाली धनराशि के आलोक में बजटीय उपबंध के तहत राज्यांश की अनुपातिक राशि के व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। व्यक्तिगत आवास निर्माण योजना में केंद्रांश 1.50 लाख रुपये प्रति आवास के अतिरिक्त राज्य सरकार का अंशदान 50 हजार रुपये का होगा। साथ ही मुख्यमंत्री ग्र्राम संपर्क योजना के अंतर्गत 27 नॉन आइएपी जिलों में 250 से अधिक की आबादी वाले अनजुड़े टोलों व बसावटों को बारहमासी एकल संपर्कता प्रदान करने के लिए विश्व बैंक से आइबीआरडी वित्तीय सहायता प्राप्त करने को मंत्रिमंडल ने अपनी सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है।