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बक्‍सर के पास गंगा में फिर दिखने लगे शव, कोरोना की दूसरी लहर में इसी जगह का वीडियो हुआ था वायरल

Ganga Dead Body कोरोना की तीसरी लहर का असर दिखते ही बिहार और उत्‍तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले बक्‍सर के पास गंगा में शव बहता देखा गया है। बक्‍सर जिले के चौसा में गंगा किनारे श्मशान घाट पर फिर शव बहते देखा गया।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 07:02 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 07:02 AM (IST)
बक्‍सर के पास गंगा में फिर दिखने लगे शव, कोरोना की दूसरी लहर में इसी जगह का वीडियो हुआ था वायरल
Dead Body in Ganga Buxar: बक्‍सर के पास गंगा में फिर दिखा शव। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

चौसा (बक्सर), संवाद सहयोगी। कोरोना की तीसरी लहर का असर दिखते ही बिहार और उत्‍तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले बक्‍सर के पास गंगा में शव बहता देखा गया है। बक्‍सर जिले के चौसा में गंगा किनारे श्मशान घाट पर फिर शव बहते देखा गया। शव को कुत्‍ते अपना निवाला बना रहे थे। प्रशासन की रोक के बावजूद गंगा में शव फेंके जाने से विधि व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि वह एसडीपीओ से बातकर स्थिति का अवलोकन करा रहे हैं। जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी। श्मशान के आसपास यदि बिजली की व्यवस्था ठीक नहीं है, तो दुरुस्त कराई जाएगी।

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दूसरी लहर के बीच यहां मिले थे ढेरों शव

गत वर्ष कोविड की दूसरी लहर में चौसा स्थित महर्षि च्यवन कालेज एवं श्मशान घाट के बीच गंगा नदी में कई शव दिखाई दिए थे। प्रशासन द्वारा शवों को निकाल कर मिट्टी खोद गड्ढे में दफना दिए गए थे। बाद में सरकारी मुलाजिमों की देखरेख में शवों के दाह संस्कार की व्यवस्था कराई गई। शवों के गंगा में प्रवाहित करने पर रोक लगा दी गई थी। मामला ठंडा पड़ते ही सारी व्यवस्था ढीली पड़ गई।

रात के अंधेरे में शव फेंक देते हैं लोग

इधर ठंड से मौतों में वृद्धि हो गई है। जहां पहले एक दो की संख्या में शव अंतिम संस्कार को आते थे, इनकी संख्या आठ से दस हो गई है। अंधेरा होते ही मोक्ष स्थल के पास किसी के न होने से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से शव लेकर आने वाले लोग गंगा में शव फेंककर भाग रहे हैं। महापंडित ने कहा कि यहां व्यवस्था में सुधार की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक विद्युत पोल व तार के अलावा कुछ नहीं किया गया है। लाइट की व्यवस्था ठप है। आने वाले शव का रजिस्टर मेंटेन किया जाता था। अब नहीं हो रहा है।


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