Budget 2021: निर्मला सीतारमण के मंत्र से बिहार के किसानों का मजबूत हो सकता है अर्थ-तंत्र
केंद्रीय बजट में कृषि ऋण का दायरा बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर देने से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। बिहार में 77 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ दिया जा रहा है। इन्हें सबसे ज्यादा किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा मिल सकता है। पढि़ए विस्तृत खबर
पटना, राज्य ब्यूरो । बिहार में एक करोड़ 64 लाख से ज्यादा किसान परिवार हैं। इनमें करीब 45 लाख किसानों का खेती के लिए बैंकों से वास्ता है और बाकी का नहीं है। जिनका वास्ता नहीं है, वे अपने पैसे से खेती करते हैं या साहूकारों के जाल में फंसते हैं। केंद्रीय बजट में कृषि ऋण का दायरा बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर देने से दोनों तरह के किसानों को राहत मिलेगी। ऐसे में बजट को किसानों के हक में माना जा रहा है। राज्य सरकार केसीसी देने के लिए बैंकों पर लगातार दबाव बना रही है। गांव-गांव में चौपाल लगाकर किसानों को भी प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा भी केंद्रीय बजट में कई घोषणाएं हैं, जिसे बिहार के किसानों के लिए वरदान माना जा रहा है।
खेती की लागत से डेढ़ गुणा एमएसपी
बिहार में 77 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ दिया जा रहा है। सरकार इन सभी को किसान क्रेडिट कार्ड से जोडऩा चाहती है। सरकार ने साफ कर दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म नहीं किया जाएगा। साथ ही खेती की लागत से कम से कम डेढ़ गुणा ज्यादा एमएसपी तय किया जाएगा। बिहार में अभी मुख्य रूप से धान की खरीद ही सरकारी समर्थन मूल्य पर हो पाती है। गेहूं को भी इस दायरे में लाया गया है, किंतु अभी खरीदारी न के बराबर है। नई व्यवस्था से माना जा रहा कि बिहार में कुछ और फसलों की खरीदारी सरकारी समर्थन मूल्य पर हो पाएगी।
मखाना उत्पादन प्रोत्साहित करने से बिहार को फायदा
पिछले साल भी केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर मखाना की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए पांच हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। चूंकि देश का 90 फीसद मखाना बिहार में होता है। इसलिए इसे बिहार के हक में माना गया था। इस बार भी 22 तरह की फसलों को निर्यात सूची में शामिल किया है। जाहिर है, इसमें बिहार की भी बहुत सारी फसलें होंगी। वैसे भी बिहार विशेष तरह की फसलों की खेती को पहले से ही प्रोत्साहित कर रहा है। प्रत्येक जिले को एक-एक फसल का हब बनाने की योजना पर काम चल रहा है। इन्हें अगर निर्यात के लिए प्रोत्साहित किया जाए तो किसानों को अच्छी कीमत मिल सकती है।
कहते हैं बिहार के कृषि मंत्री
बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक केंद्रीय बजट में सबसे ज्यादा फोकस खेती पर किया गया है और बिहार की 76 फीसदी अर्थव्यवस्था खेती पर निर्भर है। नई बजटीय व्यवस्था से बिहार के गांवों की माली हालत में सुधार आ सकता है।
जल जीवन हरियाली मिशन के लिए पांच हजार करोड़ की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। बिहार में पहले से सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहित किया जा रहा है। नई योजना से उसे रफ्तार मिल सकती है। केंद्र क्षेत्र में आधारभूत संरचना विकास के लिए अलग से कोष बनाया गया है। बिहार में फिलहाल 52 कृषि मंडियां हैं, जिनमें अपने स्तर से संरचना विकास का काम किया जा रहा है।