Budget 2021: सीएम नीतीश कुमार ने बजट को बताया संतुलित, केंद्र सरकार को दी बधाई
Budget 2021 मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 और राजस्व संग्रहण में दिक्कतों के बाद भी केंद्र सरकार का बजट संतुलित है। 75वर्ष से अधिक उम्र के पेंशनर को आयकर से मुक्त करना एक करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एलपीजी देने का निर्णय अच्छी पहल है।
पटना, राज्य ब्यूरो । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि कोविड महामारी और राजस्व संग्रहण में आयी दिक्कतों के बावजूद केंद्र सरकार ने संतुलित बजट पेश किया। यह स्वागतयोग्य है। संतुलित बजट पेश करने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को बधाई दी है।
इंस्टीच्यूट ऑफ वर्ल्ड हेल्थ की होगी स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए 34.8 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है जो वर्ष 2020-21 के अनुमानित बजटीय खर्च से 30.42 लाख करोड़ रुपए अधिक है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में 41 प्रतिशत राशि राज्य सरकारों को दी जाएगी। स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में दो लाख, तेईस हजार करोड़ रुपए की अनुशंसा की गयी है जो पिछले वर्ष से 137 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही इंस्टीच्यूट ऑफ वर्ल्ड हेल्थ की स्थापना भी की जाएगी।
एक करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एलपीजी सिलिंडर देना स्वागतयोग्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने उज्जवला योजना के अंतर्गत एक करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एलपीजी सिलिंडर दिए जाने का निर्णय लिया है, जो स्वागतयोग्य है। इसके साथ ही गैस पाइपलाइन से सौ नए शहर जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि 75 वर्ष से ऊपर वाले पेंशनर को आयकर रिटर्न जमा करने से मुक्त किया जाना अच्छी पहल है।
देश में विश्व स्तरीय आधारभूत संरचना के साथ सात मेगा टेक्सटाइल पार्क अगले तीन वर्षों में शुरू किए जाने की योजना है। इससे लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। विकास वित्तीय संस्थान की स्थापना की जाएगी। इसके लिए अलग से कानून लाया जाएगा
पर्यावरण रक्षा के लिए बेहतर कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। वायु प्रदूषण रोकने के लिए राशि दी जाएगी। यह देश के पर्यावरण की रक्षा की दिशा में अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का बिहार सरकार ने पहले ही निर्णय लिया था। केंद्र सरकार ने भी इस काम को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आधारभूत संरचना के विकास के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में पांच लाख, पचास हजार करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य जो गत वर्ष की तुलना में अधिक है।