बुद्ध पूर्णिमाः भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाने से घर में आएगी सुख-समृद्धि
वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी शुभ दिन को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। जानें लॉकडाउन के दौरान कैसे करें पूजा।
पटना, जेएनएन। हिंदू धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करने के साथ गंगाजल का छिड़काव करें।
विष्णु के नामों का करें उच्चारण
भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाते हुए उनके नामों का कीर्तन करें। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। पूजन के बाद गरीबों को भोजन कराकर उन्हें कपड़े दान करें। शाम में चंद्रमा को जल अर्पित करने के साथ पूजन करने से घर में शांति बनी रहेगी।
घाटों पर स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को पटना में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। इस दौरान कई लोग लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए भी दिखाई दिए। गंगा स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने मां भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना घर में ही की। गाय घाट, गुलबी घाट, दीघा घाट, एनआइटी घाट, महावीर इत्यादि घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालु जुटे।
बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त
बुद्ध पूर्णिमा की तिथि: 7 मई 2020।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 6 मई 2020 को शाम 7 बजकर 44 मिनट से।
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 7 मई 2020 को शाम 04 बजकर 14 मिनट तक।
बिहार के लिए है खास है बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा भारत के साथ चीन, नेपाल, सिंगापुर, वियतनाम, थाइलैंड, जापान, कंबोडिया, मलेशिया, श्रीलंका, म्यांमार, इंडोनेशिया, पाकिस्तान जैसे कई देशों में मनाई जाती है। बिहार का बोद्ध गया बुद्ध के अनुयायियों सहित हिंदुओं के लिए भी पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है। इस लिए बिहार के लिए बुद्ध पूर्णिमा बेहद खास मानी जाती है। हर साल राज्य के विभिन्न शहरों में स्थित गंगा घाट पर स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अधिकतर लोग घर में ही पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
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