बिहार कर्मचारी चयन आयोग का 'खेल', होनहार हो रहे 'फेल'
बिहार में सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए आपको पहले परीक्षा पास करनी होगी और फिर आपके सब्र का इम्तिहान लिया जायेगा। उसके बाद भी नौकरी मिलने की गारंटी नहीं है।
पटना [रोशन राहुल]। बिहार में सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए आपको पहले अपने धैर्य की परीक्षा पास करनी होगी। कारण, यहां नियुक्ति प्रक्रिया सालों-सालों तक चलती है। परिणाम का कुछ पता नहीं। परीक्षा पास कर लेने के बाद भी इंतजार की बेइंतहा हो जाती है। उम्मीदवार बिना किसी गलती के 'सजा' काट रहे हैं। चाहे बिहार एसएससी हो या बीपीएससी दोनों समय पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने में 'फेल' हैं।
2014 में फॉर्म भरा, परीक्षा का पता नहीं
बिहार सरकार ने इंटर स्तरीय पदों की भर्ती के लिए साल 2014 में आवेदन निकाला। सरकार के अलग-अलग विभागों में 11 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति के लिए सरकार ने वैकेंसी जारी की। सरकारी नौकरी का सपना देख रहे युवाओं ने बड़ी संख्या में आवेदन डाला। करीब 18 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने इंटर स्तरीय पदों के लिए फॉर्म भरा था।
फॉर्म भरने के बाद उम्मीदवार परीक्षा का इंतजार करते रहे, लेकिन तीन साल तक कोई सुगबुगाहट नहीं दिखी। फिर जाकर साल 2017 में इंटर स्तरीय पदों की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन हुआ। लेकिन परीक्षा में धांधली होने के कारण परीक्षा रद कर दी गई। उसके बाद से फिर से छात्र उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कब दोबारा परीक्षा होगी?
परीक्षा पास करने बाद भी नियुक्ति नहीं
साल 2014 में इंटर स्तरीय परीक्षा के साथ संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा के लिए भी नोटिफिकेशन जारी किया गया। लाखों उम्मीदवारों ने सचिवालय सहायक व दारोगा आदि पदों के लिए फार्म भरा। 2015 में परीक्षा का आयोजन भी कराया गया। संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने थोड़ी तेजी दिखाते हुए पीटी के तुरंत बाद मेंस परीक्षा का आयोजन भी किया।
आयोग द्वारा जारी परीक्षा के कटऑफ को लेकर कुछ उम्मीदवारों ने कोर्ट में केस कर दिया। कोर्ट में केस हो जाने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया को फाइनल होने में थोड़ी और देर लगी। कोर्ट से फैसला आने के बाद भी बिहार एसएससी प्रशासन अभी तक नियुक्ति का पत्र जारी नहीं कर रहा है। जबकि इस परीक्षा का फाइनल रिजल्ट भी जारी कर दिया गया है।
डेढ़ साल से बीपीएससी मेंस के रिजल्ट का इंतजार
बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तरह बीपीएससी के भी सुस्त रवैये से युवाओं का कॅरियर अधर में है। बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन ने साल 2014 में 56 से 59वीं सिविल सेवा परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया। अगले साल प्रारंभिक परीक्षा आयोजित हुई। रिजल्ट आने के बाद पीटी के कुछ प्रश्न को लेकर बवाल हुआ।
नतीजा कुछ उम्मीदवारों मामला कोर्ट में लेकर पहुंच गए। कोर्ट में मामला जाने के कारण प्रक्रिया लंबी चली। फिर दो साल बाद 2016 में मेंस की परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा के डेढ़ साल बीत जाने के बाद अभी रिजल्ट की कोई खबर नहीं है। इस बीच आयोग ने 60 से 62वीं सिविल सेवा परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी कर पीटी परीक्षा ले ली। अभी तक पिछली नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न नहीं हुई है।
परीक्षा और कोर्ट का चक्कर काट रही परीक्षा
बिहार कर्मचारी चयन आयोग व बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन की ओर से आयोजित कमोबेश हर परीक्षा कोर्ट का चक्कर जरूर काटती है। बिना कोर्ट जाए शायद ही कोई प्रतियोगी परीक्षा यहां संपन्न होती है। अधिकांश परीक्षाओं में प्रश्न-पत्र में त्रुटि को लेकर उम्मीदवार आयोग को चैलेंज करने कोर्ट पहुंच जाते हैं। लिहाजा नियुक्ति प्रक्रिया में कुछ और देरी होती है।
प्रतियोगी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली होने के कारण भी यहां युवाओं का कॅरियर अधर में लटका रहता है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग व बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन प्रशासन के रवैये से परेशान उम्मीदवार आय दिन धरने पर रहते हैं। लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता है।
बीएसएससी के पास नहीं है पुख्ता व्यवस्था
बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के पास पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण समय पर परीक्षाएं नहीं आयोजित हो पाती हैं। सूत्रों के अनुसार आयोग का अपना स्ट्रांग रूम नहीं है। जहां ओएमआर शीट, प्रश्न पत्र अथवा अन्य कोई अति गोपनीय फाइल रखी जा सके। परीक्षा संबंधी अन्य तैयारियों के लिए भी आयोग के ऑफिस में कर्मचारियों की कमी है। बता दें कि इंटर स्तरीय परीक्षा में 18.50 लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है।
मानसिक दबाव में छात्र
तीन साल पहले छात्रों ने सचिवालय सहायक व एसआइ आदि पदों के लिए संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा में शामिल हुए थे। इस परीक्षा का फाइनल परिणाम भी आ चुका है। बावजूद इसके उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। ऐसा लगता है कि बीएसएससी इंटर स्तरीय परीक्षा कराना भूल गई है। चार साल से परीक्षा के इंतजार में बैठे छात्र बेहद मानसिक दबाव में हैं। बीपीएससी यदि समय पर परीक्षा कराने असक्षम है तो इसे यूपीएससी से टैग कर देने की जरूरत है।
डॉ. एम रहमान, प्रतियोगी परीक्षा विशेषज्ञ
कब आया था नोटिफिकेशन स्थिति
बिहार एसएससी इंटरस्तरीय 2014 अभी तक नहीं हुई परीक्षा
बिहार एसएससी स्नातक स्तरीय 2014 नियुक्ति प्रक्रिया नहीं हुई पूरी
बीपीएससी 56 से 59वीं 2014 मेंस का रिजल्ट नहीं हुआ जारी
बीपीएससी 60 से 62वीं 2016 मेंस परीक्षा की तिथि नहीं हुई घोषित
जानिए क्या कहते हैं छात्र
मैं नि:शक्त प्रतियोगी छात्र हूं। पिछले चार सालों से तमाम परेशानियों को झेलकर तैयारी में जुटा हूं। इस उम्मीद में कि आज न कल तो परीक्षा जरूर आयोजित होगी। लेकिन अब और सब्र नहीं होता है। अभी तक इंटर स्तरीय परीक्षा की तिथि का पता नहीं चल रहा है।
राम मिलन, प्रतियोगी छात्र
एक किसान के बेटे के लिए परीक्षा के इंतजार में चार साल पटना में रहकर तैयारी करना बहुत मुश्किल होता है। इंटर स्तरीय परीक्षा के लिए चार साल पहले फॉर्म भरा। अभी तक परीक्षा का पता नहीं।
आशीष कुमार मिश्र, प्रतियोगी छात्र
बीपीएससी ने सिविल इंजीनियर की नियुक्ति के लिए पिछले साल नोटिफिकेशन जारी किया था। अभी तक परीक्षा की तिथि घोषित नहीं की गई है। बिहार में कोई भी नियुक्ति प्रक्रिया कोर्ट जाए बिना पूरी नहीं होती है।
विकास कुमार, प्रतियोगी छात्र
बिहार सरकार में कॅरियर बनाना आसान नहीं है। उम्मीदवार बिना किसी के गलती के सजा काट रहे हैं। बिहार में परीक्षा पंचवर्षीय योजना की तरह हो गई है। जो पांच साल पूरा किए बिना पूरी नहीं होती है।
गौरव, प्रतियोगी छात्र
इन पदों के लिए होगी परीक्षा
स्टेनोग्राफर, कनीय अभियंता, यूनानी मिश्रक, आयुर्वेदिक मिश्रक, नगर प्रबंधक, वरीय वैज्ञानिक सहायक, अम्बेदकर आवासीय विद्यालय के लिए शिक्षक, स्वच्छता निरीक्षक, ईजीसी टेक्निशियन, लैब टेक्निशियन, ओटी अस्सिटेंट सहित कई की परीक्षा होनी है।