सिमुलतला आवासीय विद्यालय का टूटा तिलिस्म
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मैट्रिक रिजल्ट ने इस बार जमुई के सिमुलतला स्कूल का बुरा हाल
जयशंकर बिहारी, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मैट्रिक रिजल्ट ने इस बार जमुई के सिमुलतला आवासीय विद्यालय का दबदबा भी तोड़ दिया। हर साल टॉपर देने वाला विद्यालय इस बार टॉप फाइव की सूची से नदारद है। वर्ष 2015 और 2016 में तो टॉपर्स लिस्ट में एक से दसवीं रैंक तक के सभी परीक्षार्थी सिमुलतला विद्यालय के ही थे। 2015 में टॉपर्स लिस्ट में 31 जबकि 2016 में 42 बच्चे थे जो सभी सिमुलतला के ही विद्यार्थी थे। इसके अलावा 2017 में 22 में 12, 2018 में 23 में 16 और 2019 में 18 में 16 विद्यार्थी सिमुलतला आवासीय विद्यालय के थे। इस बार टॉप-10 में 41 परीक्षार्थी हैं, जिसमें सिर्फ तीन ही सिमुलतला आवासीय विद्यालय के हैं। विद्यालय के टॉपर को राज्य में सातवां स्थान मिला है। टॉप-20 में 18 परीक्षार्थी शामिल
सोशल मीडिया पर विद्यालय के रिजल्ट को लेकर चर्चा के बाद बोर्ड ने प्रेस विज्ञप्ति जारी का बताया कि विद्यालय के छात्र टॉप-10 में जरूर कम हैं, लेकिन रिजल्ट खराब नहीं है। परीक्षा में 115 विद्यार्थी शामिल हुए थे। टॉप-20 में विद्यालय के 18 परीक्षार्थी शामिल हैं। विद्यालय के टॉपर ने 94.80 फीसद अंक प्राप्त किया है। सबसे कम अंक लाने वाले बच्चे को भी 366 अंक मिले हैं। छह शिक्षक छोड़ चुके हैं स्कूल, आधे कांट्रैक्ट पर
सिमुलतला आवासीय विद्यालय से छह स्थायी शिक्षक नौकरी छोड़ चुके हैं। 700 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए फिलहाल 15 शिक्षक हैं। शिक्षक और कर्मचारी के कुल 114 पद स्वीकृत हैं, जिसमें एक तिहाई भी नहीं हैं। नौ साल बाद भी शिक्षकों की सेवा शर्त नदारद है। हर साल 15 से 20 शिक्षक कांट्रैक्ट पर रखे जाते हैं। इस साल लॉकडाउन के कारण प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई है। -रिजल्ट का आकलन कर कमजोर पक्ष की होगी पड़ताल
प्राचार्य डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि टॉप-10 में इस साल अपेक्षाकृत कम विद्यार्थी शामिल हैं। रिजल्ट का विविध दृष्टिकोण के आकलन किया जाएगा। कमजोर पक्ष को चिह्नित कर दुरुस्त किया जाएगा। लॉकडाउन के कारण फिलहाल स्कूल बंद है। वहीं, विद्यालय के ज्यादातर विद्यार्थी रिजल्ट से असंतुष्ट हैं। विद्यार्थियों ने बताया कि स्क्रूटनी और आरटीआइ से उत्तरपुस्तिका के लिए आवेदन करेंगे।