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पुरुषों में भी तेजी से बढ़ रही स्तन कैंसर की बीमारी, रक्त की जांच से चलेगा पता

अमूमन देखा जा रहा है कि अब पुरुषों में भी स्तन कैंसर की शिकायत देखने को मिल रही है। लेकिन कैंसर के बारे में रक्त के कुछ नमूने से आसानी से पता लगाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Apr 2018 01:28 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2018 05:37 PM (IST)
पुरुषों में भी तेजी से बढ़ रही स्तन कैंसर की बीमारी, रक्त की जांच से चलेगा पता
पुरुषों में भी तेजी से बढ़ रही स्तन कैंसर की बीमारी, रक्त की जांच से चलेगा पता

पटना [जेएनएन]। मेडिकल साइंस ने काफी उन्नति कर ली है। यदि थोड़ी से सावधानी बरती जाए तो हर बीमारी का इलाज करीब करीब संभव है। किसी जमाने में कैंसर को घातक बीमारी समझे जाने वाला अब बहुत हद तक इस बीमारी पर काबू पा लिया गया। कैंसर की बीमारी का तो पता लगाने के लिए थोड़ी सी रक्त की जरूरत पड़ती है और बीमारी का पता चल जाता है।

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मतलब अब कैंसर के मरीजों के लिए राहत देने वाली खबर है। रक्त की जांच से इस जानलेवा बीमारी के बारे में पता चल जाएगा। वह भी प्रारंभिक अवस्था में। फ‌र्स्ट स्टेज में कैंसर पता चलने पर इलाज से उसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इधर कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि पुरुषों में भी स्तन कैंसर की शिकायत देखने को मिल रही है।

राजधानी पटना में सोसायटी ऑफ ऑन्कोलॉजी के तत्वावधान में आयोजित सूकॉन-2018 में दिल्ली से आई कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सरंजना दत्त ने उक्त बातों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैंसर के प्रति अभी भी लोगों में बहुत कम जानकारी है। डॉक्टरों को बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए।

पुरुषों में भी स्तन कैंसर

दिल्ली से आए कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सपना नानगिया ने कहा कि पुरुषों में स्तन कैंसर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। यह गंभीर चिंता का विषय है। माना जाता है कि स्तन कैंसर महिलाओं की बीमारी है। अब पुरुषों में भी बीमारी पाई जा रही है। महिलाओं में बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। अगर स्तन के किसी भाग में कोई गांठ दिखाई दे और उसमें दर्द न हो तो महिलाओं को सावधान हो जाना चाहिए। यह कैंसर का लक्षण हो सकता है।

टीबी व कैंसर में समानता

सम्मेलन में डॉ. वीपी सिंह ने कहा कि टीबी एवं कैंसर में कुछ हद तक समानता है। कई बार चिकित्सक टीबी मरीज का इलाज लंबे समय तक करते हैं, लेकिन मरीज की बीमारी ठीक नहीं होती। ऐसे में कैंसर की जांच होनी चाहिए। इस तरह के मरीजों को सांस फूलने की शिकायत होती है। धीरे-धीरे कमजोरी भी होने लगती है।

टारगेट थेरेपी बेहद कारगर

कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. मधु चंदाकर ने कहा कि कैंसर के इलाज में टारगेट थेरेपी बहुत बेहतर काम कर रही है। इससे मरीज के शरीर पर दवाओं का दुष्प्रभाव बहुत कम होता है।


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