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BPSC: एक ही पेपर से ली परीक्षा- 24 अंक में बने व्याख्याता, 42 वाले मेधा सूची से बाहर

बीपीएससी ने सरकारी ट्रेनिंग कॉलेजों में व्याख्याता की नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा में 24 अंक प्राप्त करने वाले का चयन कर लिया है वहीं 42 अंक पाने वाले चयन सूची से बाहर हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 08:36 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 08:36 AM (IST)
BPSC: एक ही पेपर से ली परीक्षा- 24 अंक में बने व्याख्याता, 42 वाले मेधा सूची से बाहर
BPSC: एक ही पेपर से ली परीक्षा- 24 अंक में बने व्याख्याता, 42 वाले मेधा सूची से बाहर

पटना, जेएनएन। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने सरकारी ट्रेनिंग कॉलेजों में व्याख्याता की नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा में 24 अंक प्राप्त करने वाले का चयन कर लिया है, लेकिन 42 अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर हैं। अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों का आरोप है कि साक्षात्कार के लिए उन्हें कॉल ही नहीं किया गया। सूचना के अधिकार से प्राप्त मेधा सूची के अनुसार 316 नंबर पर चयनित अभ्यर्थी ने लिखित परीक्षा में सिर्फ 24 अंक प्राप्त किए हैं।

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अभ्यर्थी मृगेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें लिखित परीक्षा में 42 अंक मिले हैं। जब एक ही प्रश्न पत्र से परीक्षा हुई तो एक ही कोटि में कम अंक वाले का साक्षात्कार के लिए चयन होना समक्ष से परे हैं। आयोग ने कोटिवार लिखित परीक्षा का रिजल्ट जारी नहीं किया है। इस कारण अधिक अंक वाले अभ्यर्थी मेधा के बावजूद साक्षात्कार की परिधि से बाहर हो गए।

रिजल्ट में त्रुटि नहीं, विषयवार जारी किया गया है रिजल्ट

बीपीएससी के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि रिजल्ट में किसी तरह की त्रुटि नहीं है। विज्ञापन में दर्ज शर्तों के अनुसार ही मेधा सूची का प्रकाशन किया गया है। कम अंक वालों को साक्षात्कार के लिए कॉल नहीं जाने के पीछे का कारण विषयवार रिजल्ट है। लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर अलग-अलग विषयों के लिए अलग-अलग साक्षात्कार का आयोजन किया गया था। मेधा सूची का प्रकाशन भी विषयवार किया गया है। विभाग से प्राप्त मार्गदर्शन के अनुसार ही रिजल्ट जारी किया गया है।

109 अभ्यर्थियों का दो-दो विषयों में चयन

अभ्यर्थियों का कहना है कि विभाग और आयोग की अदूरदर्शिता के कारण फाइनल रिजल्ट में 109 अभ्यॢथयों का चयन दो-दो विषयों में तथा छह का चयन तीन-तीन विषयों में व्याख्याता के लिए हो गया है, जबकि वे एक ही सीट पर योगदान देंगे। इससे काफी सीटें रिक्त हैं। पीयू सीनेट सदस्य डॉ. कुमार संजीव का कहना है कि साक्षात्कार के लिए विज्ञापित पदों के ढाई गुणा अभ्यर्थियों को आरक्षण कोटिवार साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाना था। इसके बाद लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक, अकादमिक अंक और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों को जोड़कर अंतिम परीक्षाफल का प्रकाशन किया जाना था, लेकिन आयोग ने लिखित परीक्षा फल का प्रकाशन आरक्षण कोटिवार न कर विषय कोटिवार कर दिया। अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 15 जून तक आयोग को कोर्ट में अपना पक्ष रखना है।


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