बीएमपी कांड: चार गोली लगने से गई थी वर्षा की जान, एक गोली में मर गया अमर
राजधानी में दो दिन पहले बीएमपी में हुई वारदात में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक वर्षा को चार गोलियां लगने से उसका ह्रदय किडनी व लिवर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।
पटना, जेएनएन। बीएमपी-1 में हुए शूटआउट मामले में हवाईअड्डा पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक वर्षा को चार गोलियां लगीं थीं। इन गोलियों से उसका ह्रदय, किडनी व लिवर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। गोली अमर के एसएलआर से ही चली। वर्षा की हत्या के बाद अमर ने एसएलआर से खुद को गोली मार ली थी। अमर के सिर का ऊपरी हिस्सा बुरी तरह जख्मी हो गया था। गोली लगने से जबड़े का ऊपरी हिस्सा और भेजा उड़ गया था। हालांकि अभी तक पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट अस्पताल से नहीं लाई है। रिपोर्ट आने के बाद कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां और मिल सकती हैं।
एसएलआर की मैगजीन में लोड थीं नौ गोलियां
इधर, पुलिस द्वारा जब्त दोनों के एसएलआर को बैलिस्टिक जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। अमर के एसएलआर की मैगजीन में नौ गोलियां लोड थीं जिसमें पांच गोलियां उसने फायर की थीं। मैगजीन में शेष चार गोलियों को भी फॉरेंसिक टीम ले गई है। घटनास्थल व राइफल पर मिले अंगुलियों के निशान की भी मिलान अमर व वर्षा के अंगलियों से की जाएगी। फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट मिलने के बाद ही पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिलान करेगी।
बीएमपी के जवानों से पुलिस करेगी पूछताछ
जांच कर रहे पुलिस अधिकारी इस मामले में अमर और वर्षा के अलावा किसी तीसरे के शामिल होने के एंगिल पर भी काम कर रहे हैं। इसके लिए बीएमपी-1 के उन जवानों से भी पुलिस पूछताछ करेगी जो घटना के वक्त वहां ड्यूटी पर थे। इसके अलावा वर्षा व अमर के करीबी जवानों से भी पूछताछ करेगी। पुलिस के लिए इस घटना में वर्षा की दोस्त बीएमपी-1 में तैनात रमिता महत्वपूर्ण कड़ी है। रमिता के सदमे से उबरने के बाद एयरपोर्ट पुलिस उसका बयान लेगी और तब ही किसी नतीजे पर पहुंचेगी।
प्रेम प्रसंग पहले भी ले चुका है बीएमपी जवानों की जान
बिहार सैन्य पुलिस बल में दिल्लगी अब तक चार जानें ले चुकी है। शमी खां बीएमपी-14 में हवलदार थे और शस्त्र घर की रखवाली में तैनात थे। अचानक सरकारी हथियार से उन्होंने खुद खत्म कर लिया था। मामले में यूडी केस दर्ज हुआ और पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो मामला प्रेम प्रसंग का निकला। उनका फुलवारी शरीफ में एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। प्रेमिका से मिलने के लिए कमरा भी ले रखा था। स्वयं नाती-पोते वाले थे और दो साल नौकरी बची हुई थी। इस उम्र में युवती विवाह का दबाव बनाने लगी तो आत्महत्या कर ली। बीएमपी-5 के जवान पवन सिंह को उनके ही कार्यालय में तैनात एक महिला सिपाही से प्रेम हो गया था।
पवन शादीशुदा थे और उनको दो बच्चे थे। प्रेम प्रसंग के विरोध पर उन्होंने अपनी पत्नी की हत्या सरकारी आवास में कर दी थी और मामले को आत्महत्या का प्रयास देने के लिए शव को पंखे से लटका दिया था। पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया था, मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सच्चाई सामने ला दी और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बीएमपी-1 में हुए कांड में वर्षा के हथियार से गोली चली ही नहीं। वर्षा और अमर की दर्दनाक मौत के बाद यहां तैनात महिला सिपाहियों ने अपने को एकदम से अलग कर लिया है। जो महिला सिपाही विवाहित नहीं है वह बाहर नहीं निकल रही हैं। जो निजी मकान लेकर रहती हैं, रिश्तेदारों के साथ आ-जा रही हैं।