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बिहारः 15 दिनों में बढ़ सकते हैं ब्लैक फंगस के मामले, कोरोना से मुक्त शुगर के मरीजों को खतरा

शुगर के मरीजों पर अब म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) का खतरा बढ़ने लगा है। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि ऐसे शुगर मरीज जिनके कोविड उपचार के दौरान स्टेरॉयड का उपयोग किया गया उनमें लगभग 20 फीसद को ब्लैक फंगस बीमारी हो सकती है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 06:09 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 06:09 AM (IST)
बिहारः 15 दिनों में बढ़ सकते हैं ब्लैक फंगस के मामले, कोरोना से मुक्त शुगर के मरीजों को खतरा
बिहार में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : कोरोना संक्रमण को मात देने वाले शुगर के मरीजों पर अब म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) का खतरा बढ़ने लगा है। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि ऐसे शुगर मरीज, जिनके कोविड उपचार के दौरान स्टेरॉयड का उपयोग किया गया, उनमें लगभग 20 फीसद को ब्लैक फंगस बीमारी हो सकती है। ये ऐसे मरीज होंगे जो साफ-सफाई को लेकर ज्यादा सजग नहीं होंगे। 

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पटना एम्स में शनिवार को ऐसे पांच और इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएसएस) में एक मरीज पहुंचा। इस तरह अब तक एम्स में 15 और आइजीआइएमएस में तीन मरीज पहुंच चुके हैं। राजधानी के निजी अस्पतालों में भी आधा दर्जन से अधिक मरीज पहुंचे हैं। 

बिहार में अभी 30 मरीज चिह्नित

आशंका जताई जा रही है कि अगले 15 दिनों में पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है। फिलहाल राज्य में 30 मरीज चिह्नित किए गए हैं। मई के अंत तक यह संख्या 1000 से 1500 तक हो सकती है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पहचान हो जाने पर डॉक्टर की सलाह से एंटी फंगल दवा की कुछ डोज से ही यह ठीक हो जाता है। देर होने पर सर्जरी की जरूरत पड़ती है।

अवसरवादी संक्रमण है ब्लैक फंगस

एम्स पटना के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रवि कीर्ति ने बताया कि म्यूकर माइकोसिस फंफूदी हमारे वातावरण में मौजूद है। जैसे ही प्रतिरोधक क्षमता बीमारी या दवा के कारण कमजोर पड़ जाती है, तब यह अटैक करता है। इसे अवसरवादी संक्रमण कहा जाता है। इसके अटैक के आरंभिक दौर में उपचार नहीं होने पर यह मस्तिष्क में पहुंचकर जानलेवा भी हो जाता है। आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में इस बीमारी की पहचान हुई है। इस लहर में कई लोग शिकार हुए हैं। पोस्ट कोविड अब यह सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है। यह बीमारी शुगर की समस्या वाले 20 फीसद मरीजों को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमित व्यक्ति यदि शुगर का रोगी है और उसे स्टेरॉयड दी जा रही है, तो उनमें इसके होने का खतरा अधिक है। स्टेरॉयड उसी मरीज को दी जानी चाहिए, जिसे ज्यादा जरूरत है। डायबिटीज से पीडि़त मरीजों के ब्लड शुगर की नियमित जांच की जरूरत होती है।

आरंभिक लक्षण 

- सिरदर्द, नाक का बंद होना। 

- नाक में सूजन

- गाल में सूजन

- आंख में लालपन

- दांत में दर्द

 बचाव

- कोविड निगेटिव होने के बाद भी पूरी तरह नाक व आंख को छूने से बचें।

- हाथों की नियमित सफाई करते रहें।

- हमेशा मास्क का उपयोग करें।

-  साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।

एम्स में सोमवार से बनेगा 20 बेड का ब्लैक फंगस वार्ड

एम्स ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. क्रांति भावना ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीज अचानक तेजी से आ रहे हैं। शनिवार को भी पांच मरीज ओपीडी में पहुंचे। पहले से भी 10 मरीज चिह्नित हैं। मरीजों की अचानक वृद्धि को देखते हुए सोमवार से एक 20 बेड का वार्ड खोलने की तैयारी की जा रही है। महीने के अंत तक मरीजों की संख्या में गुणात्मक वृद्धि का अनुमान है।


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