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Bihar Assembly Election: वर्चुअल रैली से BJP खंगाल रही प्रत्याशियों की कुंडली, जिताऊ के साथ टिकाऊ होने की शर्त

Bihar Assembly Election 2020 विधानसभावार चल रही वर्चुअल रैली में बीजेपी प्रत्याशियों की कुंडली खंगाल रही है। पार्टी उनके चुनाव जीतने की योग्‍यता का अंदाजा लगा रही है।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 09:25 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 10:20 PM (IST)
Bihar Assembly Election: वर्चुअल रैली से BJP खंगाल रही प्रत्याशियों की कुंडली, जिताऊ के साथ टिकाऊ होने की शर्त
Bihar Assembly Election: वर्चुअल रैली से BJP खंगाल रही प्रत्याशियों की कुंडली, जिताऊ के साथ टिकाऊ होने की शर्त

रमण शुक्ला, पटना। Bihar Assembly Election 2020: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने पार्टी प्रत्याशियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। विधानसभावार चल रहे वर्चुअल रैली में पार्टी प्रत्याशियों की कुंडली खंगाल रही है। यह अंदाजा लगा रही है कि इन प्रत्‍याशियों से चुनाव जीता जा सकता है और ये पार्टी में बने रह सकते हैं या नहीं। स्पष्ट है कि संगठन और विचारधारा से जुड़े कार्यकर्ताओं को भी पार्टी नजरअंदाज नहीं करेगी। राष्ट्रीय नेतृत्व ऑनलाइन सर्वे के जरिए संभावित प्रत्याशियों का आकलन करा रहा है।

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भाजपा ने निजी एजेंसी को यह जिम्मेदारी सौंप दी है। एजेंसी से सर्वे कराने के बाद ही प्रत्याशियों की सूची फाइनल की जाएगी। सबसे खास यह है कि इस बार आकाओं की सिफारिश के बलबूते विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दी जाएगी। पार्टी 2015 के चुनाव से सबक लेकर काम कर रही है। इस बीच गठबंधन के तहत भाजपा सहयोगी दलों के हिस्से की सीटों पर भी अपनी संगठनात्मक क्षमता बढ़ाने में जुटी है। अभी तक पार्टी के आकलन में कुल 54 में करीब 16 विधायकों की 17वीं विधानसभा में एंट्री फंसती दिख रही है, हालांकि पार्टी सीट बदलने के विकल्प को भी तलाश रही है।

महिला मोर्चा और युवा मोर्चा भी सक्रिय

कोरोना संक्रमण जैसी तमाम दुश्वारियों के बावजूद भाजपा अभी तक कुल 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 90 विधानसभा क्षेत्रों में वर्चुअल रैली करा चुकी है। इसके अलावा भाजपा महिला मोर्चा और युवा मोर्चा सरीखे तमाम फ्रंटल संगठनों को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वर्चुअल कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व लगातार वर्चुअल कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग ग कर रहा है। इसमें टिकट के दावेदारों की गहन छानबीन भी शामिल है। क्षेत्र से गोपनीय रिपोर्ट मंगाई जा रही है कि माननीय दूसरी या तीसरी बार जनता के बीच चल पाएंगे या नहीं। इसमें जीतने की क्षमता सर्वोपरि है। पार्टी में उम्र को भी मापदंड बनाया जा रहा है। 70 पार वालों को नए सिरे से समायोजित करने पर भी पार्टी विचार कर रही है।  

चुनाव जीतने वाले विधायकों की रिपोर्ट कार्ड होगी तैयार

भाजपा वर्तमान में जदयू और लोजपा गठनबंधन के लिहाज 16 सीटों पर उलझन की स्थिति में है। हालांकि सामाजिक समीकरण भी एक पहलू है। यह देखा जाएगा कि जदयू के साथ आने से बने समीकरण से क्या संभव है। भाजपा टिकट देने से पहले तीन प्रकार के सर्वे में जुटी है। दो निजी एजेंसियों को सर्वे का कार्य दिया है। तीसरा सर्वे आरएसएस कराएगी। सर्वे की रिपोर्ट में 2015 में चुनाव जीतने वाले विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। टिकट इसी आधार पर दिया जाएगा। झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनाव से सबक लेकर पार्टी किसी भी कीमत पर लडऩे वाले किसी सीट पर कमल मुरझाने नहीं देना चाहती है। 

फ्रंटल संगठन पर फोकस

मिशन 2020 को ध्यान में रखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव पार्टी के प्रदेश से लेकर निचली इकाई तक स्वयं तराशने में जुटे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी कोरोना काल में लगातार वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए संगठनात्मक गतिविधियों की जमीनी पड़ताल कर रहे हैं। नड्डा का साफ संदेश है कि संगठन मजबूत होगा तभी जनता से जुड़ाव और संवाद का लाभ मिलेगा। जीत सुनिश्चित करने के लिए बूथ स्तर पर सप्तर्षियों का गठन और इनके द्वारा किए जा रहे गतिविधियों की समीक्षा जारी है।


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