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हाइटेक रथ के साथ आक्रामक अंदाज में प्रचार पर भाजपा

एनडीए ने आक्रामक अंदाज में कल बिहार में प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। गांव-गांव घूमेगा भाजपा का यह हाइटेक रथ, जो तमाम संसाधनों से लैस रहेगा। इसमें 56 इंच की एलइडी रहेगी, जिससे फिल्म भी दिखाई जाएगी।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2015 08:08 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2015 08:16 AM (IST)
हाइटेक रथ के साथ आक्रामक अंदाज में प्रचार पर भाजपा

पटना। एनडीए ने आक्रामक अंदाज में कल बिहार में प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। गांव-गांव घूमेगा भाजपा का यह हाइटेक रथ, जो तमाम संसाधनों से लैस रहेगा। इसमें 56 इंच की एलइडी रहेगी, जिससे फिल्म भी दिखाई जाएगी।

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ऐसे ही 160 हाइटेक रथों को रवाना कर दिया गया। 83 रथ अभी और रवाना किए जाएंगे। प्रत्येक विधानसभा में एक रथ तीन-तीन राउंड लगाएगा। हर दिन एक हजार से अधिक सभाएं होंगी। इस तरह सौ दिनों में एक लाख से अधिक सभाओं का आयोजन होगा।

बिहार में प्रचार अभियान से जुड़े भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा ने बताया कि अभियान 120 दिनों तक चलेगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में करीब पांच सौ सभाएं करने का लक्ष्य है। बिहार में 8 हजार चार सौ पंचायतें हैं।

अनुमान के तौर पर एक विधानसभा क्षेत्र में 30 से 35 पंचायतें पड़ेंगी। हर पंचायत क्षेत्र में पांच से आठ सभाएं करने की तैयारी है। प्रत्येक बूथ भवन, बड़ा टोला और बाजार में सभाएं होंगी। एक महीने में एक विधानसभा क्षेत्र को पूरी तरह कवर करने के बाद फिर अगले महीने की प्रक्रिया नए तरीके से शुरू होगी। इसी तरह आखिरी राउंड में भी फिर से पूरी तैयारी की जाएगी।

रथ क्यों

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कंसेप्ट पर तैयार इस रथ के कई लक्ष्य हैं। मुख्य है, चुनाव प्रचार और परिवर्तन के संदेश को आम मतदाताओं तक उतारने की प्रक्रिया। ऋतुराज के मुताबिक प्रचार के माध्यमों जैसे टीवी, रेडियो, अखबार, रैलियों और आमसभाओं की पहुंच गांव-गांव तक नहीं होती। ऐसे में इस रथ के जरिए हर गांव, हर गली तक पहुंचना है। बिहार में 62 हजार 780 बूथ हैं। परिवर्तन रथ हरेक बूथ पर जाएगा।

रथ में क्या-क्या

जीपीएस से लैस 160 परिवर्तन रथों में 56 इंच के एलइडी रहेगी, जिसके जरिए आम मतदाताओं को 28 मिनट की फिल्म दिखाई जाएगी। इसमें नरेंद्र मोदी का विजन और बिहार के लिए केंद्र सरकार की सौगातों का जिक्र होगा। एनडीए के सभी बड़े नेताओं का संयुक्त संदेश के साथ-साथ जदयू-राजद की गठबंधन सरकार में बिहार की बदहाली की तस्वीर भी रहेगी। परिवर्तन यात्रा और एनडीए के नारों को जोड़ते हुए भोजपुरी गायब मनोज तिवारी के गाने के जरिए भी ग्र्रामीणों को प्रभावित किया जाएगा। स्पीकर और साउंड सिस्टम से संदेश को दूर-दूर के घरों तक भेजने की कोशिश होगी।

बिहार बदहाल क्यों?

रथों के जरिए प्रत्येक बूथ पर सौ-सौ पर्चे बांटे जाएंगे, जिसमें नीतीश सरकार से जवाब मांगा जाएगा कि बिहार बदहाल क्यों? रथ में वॉल पोस्टर और वॉल पेंटिंग के सामान भी मौजूद रहेंगे। जहां जरूरत पड़ेगी दीवारों पर भाजपा और सहयोगी दलों के नारे लिख दिए जाएंगे। रथ की निगरानी और प्रचार अभियान को गति देने के लिए प्रत्येक रथ में एक प्रभारी और आठ सहयोगी रहेंगे, जिनकी नियुक्ति हो चुकी है। बूथ समिति के संयोजक और पंचायत स्तर के नेता माइक के जरिए भाषण भी करेंगे। जहां सभा होगी, वहां भाषण भी होगा।


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