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बिहार में नालंदा शराब कांड पर भाजपा ने जदयू से पूछा तीखा सवाल, बोले- असली गुनहगार पर कीजिए कार्रवाई

Bihar Politics बिहार में शराबबंदी के मसले पर सरकार में सहयोगी दो प्रमुख दलों भाजपा और जदयू के बीच बयानबाजी तेज होती जा रही है। जहरीली शराब से 11 मौतों के मामले को लेकर संजय जायसवाल ने जदयू से तीखा सवाल पूछा है

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 01:29 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 01:29 PM (IST)
बिहार में नालंदा शराब कांड पर भाजपा ने जदयू से पूछा तीखा सवाल, बोले- असली गुनहगार पर कीजिए कार्रवाई
बिहार भाजपा के अध्‍यक्ष संजय जायसवाल। फाइल फोटो

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: बिहार में शराबबंदी के मसले पर सरकार में सहयोगी दो प्रमुख दलों भाजपा और जदयू के बीच बयानबाजी तेज होती जा रही है। जदयू के प्रवक्‍ता अभिषेक झा ने पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल पर सवाल उठाया था कि वे सरकार की नीति के खिलाफ जहरीली शराब पीकर मरने वालों के घर क्‍यों गए? अब मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में कथित तौर पर जहरीली शराब से 11 मौतों के मामले को लेकर संजय जायसवाल ने जदयू से तीखा सवाल पूछा है, साथ ही यह भी बताया है कि इस कांड का असली गुनहगार कौन है?

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बोले- क्‍या मरने वालों के परिवार को भेजेंगे जेल

संजय जायसवाल ने आज सुबह एक फेसबुक पोस्‍ट के जरिए कहा कि नालंदा में अब तक जहरीली शराब से 11 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्‍होंने कहा कि दो दिनों पहले जहरीली शराब के ही मसले पर जदूय के प्रवक्‍ता ने उनसे सवाल पूछा था। उन्‍होंने कहा कि अब वे जदयू से यह सवाल पूछ रहे हैं कि मरने वाले सभी 11 लोगों के पूरे परिवार को क्‍या अब जेल भेज दिया जाएगा?

सबसे पहले उस अधिकारी को कीजिए गिरफ्तार

बीजेपी अध्‍यक्ष ने कहा कि बतौर जदयू प्रवक्‍ता जहरीली शराब से मरने वालों के परिवार को सांत्‍वना देना क्‍या अपराध है। उन्‍होंने कहा कि शराबबंदी को अगर ठीक तरीके से लागू करना है तो सबसे पहले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए, जिसने जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के बारे में अजीबोगरीब बीमारी से मरने का दावा कहकर भ्रम फैलाया। उन्‍होंने इस व्‍यक्‍तव्‍य में हालांकि किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका निशाना नालंदा के डीएम की तरफ है।

दो महीने का निलंबन नहीं, 10 साल की जेल हो

बीजेपी अध्‍यक्ष ने कहा कि अधिकारी का काम प्रशासन चलाना है, गलत बयान देना नहीं। अधिकारी का गलत बयान देना बताता है कि प्रशासन शराब तस्‍करों से मिला हुआ है। उन्‍होंने कहा कि इस मामले का दूसरा सबसे बड़ा अपराधी उस इलाके की पुलिस है, जिसने खुलेआम शराब की बिक्री होने दी। ऐसे पुलिस वालों को 10 साल के लिए जेल भेजना चाहिए, केवल दो महीने के लिए सस्‍पेंड करने से शराबबंदी कभी सफल नहीं होगी। निलंबन खत्‍म होने के बाद वहीं पुलिस वाला दूसरे इलाके में शराब बिकवाएगा।

शराब माफिया तो तीसरे नंबर का अपराधी

संजय जायसवाल ने कहा कि शराब माफिया तो तीसरे नंबर का अपराधी है और उसे पकड़ना बेहद आसान है। अगर इलाके के पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जाए तो वहीं बता देंगे कि शराब कौन और कहां बेच रहा है। उन्‍होंने कहा कि शराबबंदी फेल करने वालों पर जड़ से कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन, पुलिस और माफिया के गठजोड़ को खत्‍म करना होगा।


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