भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा रहे खामोश, महिलाएं पूछती रहीं सवाल, जानिए
भाजपा के बागी सांसद शबुघ्न सिन्हा ने अपने ताजा कार्यकाल में लोकसभा में एक भी सवाल नहीं पूछाा। लोकसभा में उनकी उपलब्धियोंं में सिर्फ खामोशी ही दर्ज है।
पटना [अरुण अशेष]। खामोश। यह शब्द फिल्म अभिनेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को बहुत प्रिय है। फिल्मों में नहीं, संसदीय जीवन में उन्होंने इसे बड़ी शिद्दत से इसे अपनाया है। 16 वीं लोकसभा में उनकी उपलब्धियों के हरेक खाते में सिर्फ खामोशी ही दर्ज है।
बहस, सवाल और निजी विधेयक-सांसदों के कामकाज के ये तीन आम खाते हैं। पीआरएस के साइट पर नजर आने वाले इन तीनों खाते में उनकी मौजूदगी शून्य दर्ज है। हां, सदन की हाजिरी बही में उनका नाम दर्ज है। यह 67 फीसद है। मौजूदा लोकसभा में सांसदों की हाजिरी का राष्ट्रीय औसत 80 फीसद है। बताने की जरूरत नहीं कि उनकी हाजिरी भी राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है।
सिन्हा ने अपने ताजा कार्यकाल में लोकसभा में एक भी सवाल नहीं पूछा। सवाल पूछने का राष्ट्रीय औसत 292 है। बहस का राष्ट्रीय औसत 67 फीसद है। सिन्हा के खाते में शून्य दर्ज है। यही हाल प्राइवेट मेंबर बिल का है। उनका यह खाता भी खाली है।
नामी-गिरामी शत्रुघ्न सिन्हा की तुलना में उन सांसदों की उपलब्धियां शानदार हैं, जिनकी स्वतंत्र हैसियत अभी तक नहीं बन पाई है। मुंगेर की सांसद वीणा देवी का जिक्र कीजिए, तुरंत बाहुबली सूरजभान का नाम आ जाएगा- ओह, सूरजभान की बीवी। लेकिन, लोकसभा में उनकी उपलब्धि देखिए : हाजिरी-93 फीसद। प्रश्न-208 और बहस में भागीदारी-27।
सिर्फ वीणा ही क्यों? राज्य की दो और महिला सांसद रंजीत रंजन और रमा देवी की उपलब्धियां भी कमाल की है। शिवहर की सांसद रमा देवी के सवालों की संख्या है-576। हाजिरी 97 फीसदी। 131 प्राइवेट मेंबर बिल। रंजीत रंजन 90 फीसदी बैठकों में उपस्थित रहीं। 263 सवाल पूछे और 89 प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए।
रंजीत ने तो हाजिरी के मामले में अपने पति राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव को भी पीछे छोड़ दिया। पप्पू की हाजिरी 74 फीसदी है। हां, सवाल पूछने में पप्पू आगे निकल गए। उनके नाम 330 सवाल दर्ज हैं। जनार्दन प्रसाद सीग्रीवाल, कौशलेंद्र कुमार, कीर्ति झा आजाद, ओम प्रकाश यादव और सुशील कुमार सिंह ये सब ऐसे सांसद हैं, जिनके सवालों की संख्या चार सौ से अधिक है। यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
शत्रुघ्न सिन्हा से थोड़ा बहुत मुकाबला लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान कर सकते हैं। उनकी हाजिरी 80 फीसद है। मगर, सवाल सिर्फ तीन हैं। कम से कम इस मोर्चे पर इन्हें शत्रुघ्न सिन्हा के बाद का दर्जा हासिल है। सिर्फ चार सवाल पूछने वाले सांसद चौधरी महबूब अली कैसर भी संयोग से लोजपा के ही हैं। खराब उपलब्धि वाले सांसदों के क्रम में रामचंद्र दूसरे और कैसर तीसरे नंबर पर हैं।
मंत्रियों ने भी किए सवाल
मंत्री परिषद के सदस्य सदन में सवाल नहीं पूछ सकते। इस लिहाज से रामविलास पासवान के नाम से कोई सवाल दर्ज नहीं है। लेकिन, अच्छी बात यह है कि सांसद रहने के दौरान कुछ मंत्रियों ने ठीकठाक संख्या में सवाल किए। राजीव प्रताप रूडी ने 139 सवाल पूछे। हाजिरी भी 88 फीसदी रही। अश्विनी चौबे के नाम से 157 सवाल हैं। गिरिराज सिंह जल्द ही मंत्री बन गए थे। सो, सिर्फ पांच सवाल पूछ पाए।
उपेंद्र कुशवाहा सांसद के रूप में कम ही दिन रहे। उनके नाम से 75 सवाल हैं। बेगूसराय के सांसद रहे भोला सिंह चुने जाने के बाद से ही बीमार चल रहे थे। उस हालत में भी उन्होंने 262 सवाल पूछे। 42 बहस में शामिल हुए। भोला बाबू अब नहीं रहे। उनकी गिनती संसदीय प्रणाली के जानकार के रूप में होती थी।
सांसद हाजिरी फीसदी में सवाल
अजय निषाद 95 216
अरुण कुमार 88 62
वीरेंद्र कुमार चौधरी 97 33
छेदी पासवान 95 57
चिराग पासवान 88 86
हुकुमदेव ना. यादव 97 31
जयप्रकाश ना. यादव 88 164
जनक राम 97 164
नित्यानंद राय 69 141
रामा सिंह 69 196
संजय जायसवाल 88 336
सरफराज आलम 81 10
सतीश दुबे 89 200
बुलो मंडल 76 59
तारिक अनवर 85 144
सवालों का सिलसिला
सांसद : सवाल
राजीव प्रताप रूडी : 139
अश्विनी चौबे : 157
उपेंद्र कुशवाहा : 75
भोला सिंह : 262