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कोटा से बेटे को बिहार ले आए BJP MLA, तेजस्‍वी-PK ने पूछा- नीतीश जी, कहां गई लॉकडाउन की मर्यादा?

कोटा में पढ़ रहे बच्‍चों को वापस लाने के पक्ष में सीएम नीतीश भले ही नहीं हों एक बीजेपी एमएलए अपने बेटे को वहां से लेकर आए हैं। इसके बाद बिहार की सियासत गर्म हो गई है।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 04:20 PM (IST)
कोटा से बेटे को बिहार ले आए BJP MLA, तेजस्‍वी-PK ने पूछा- नीतीश जी, कहां गई लॉकडाउन की मर्यादा?
कोटा से बेटे को बिहार ले आए BJP MLA, तेजस्‍वी-PK ने पूछा- नीतीश जी, कहां गई लॉकडाउन की मर्यादा?

पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। बिहार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सचेतक व नवादा जिले के हिसुआ के विधायक (MLA) अनिल सिंह (Anil Singh) कोरोना (CoronaVirus) को लेकर जारी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच कोटा (Kota) में पढ़ रहे बेटे को वहां से बिहार ले आए हैं। जबकि, उसी कोटा में पढ़ रहे बच्‍चों को वापस लाने के उत्‍तर प्रदेश (UP) सरकार के फैसले को गलत बताते हुए मुख्‍यमंत्री (CM) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इस मामले पर राजनीति (Politics) गरमा गई है। विपक्ष (Opposition) ने सरकार पर दोहरी नीति (Duel Policy) का आरोप लगाया है। दूसरी ओर विधायक ने कहा है उन्‍होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।

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तेजस्‍वी यादव ने सीएम नीतीश पर किया हमला

इस मामले को लेकर बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) व राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बेटे तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) ने आरोप लगाते हुए मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री को तो लॉकडाउन के नियमों और उद्देश्यों का पाठ पढ़ाया जा रहा था, लेकिन दूसरी तरफ अपने समर्थक विधायक और वीआइपी (VIP) के बच्चों को वापस लाने की अनुमति दी गई।

पास देकर प्रभावशाली लोगों के बच्चों को बुलाया

तेजस्वी यादव ने कहा कि पास देकर प्रभावशाली लोगों के बच्चों को चुपचाप वापस बुलाया गया, लेकिन जब साधारण छात्रों और आम लोगों के बच्चों को बुलाने की बात आई तो मुख्यमंत्री मर्यादा और नियमों का हवाला देने लगे। इस मुद्दे पर तेजस्‍वी यादव ने ट्वीट भी किया। उन्‍होंने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक के बेटे को गोपनीय तरीके से वापस लाने की अनुमति दी गई। बिहार में ऐसे अनेक वीआइपी और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए।

सरकार पर लगाया दोहरी नीति अपनाने का आरोप

तेजस्‍वी ने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम लगातार सरकार से सवाल कर रहे हैं, क्योंकि हम सत्ता में बैठे लोगों की दोहरी नीति से वाकिफ हैं। महामारी (Epidemic) और विपदा (Crisis) की घड़ी में भी ये लोग आम और खास का वर्गीकरण कर राजनीति कर रहे हैं। तेजस्वी ने पूछा कि गरीबों और मजदूरों के साथ अन्याय और बेरुखी क्यों?

पीके का सवाल- कहां गई लॉकडाउन की मर्यादा

इस मामले पर कभी नीतीश कुमार के करीबी व उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष रहे प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने ट्वीट किया है कि कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहकर अस्‍वीकार किया था कि ऐसा करने से लॉकडाउन की मर्यादा का उल्‍लंघन होगा। उन्हीं की सरकार ने एक बीजेपी विधायक को कोटा से अपने  बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से सवाल किया है कि अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?

बीजेपी विधायक की सफाई- कुछ गलत नहीं किया

मामले के तूल पकड़ने पर विधायक अनिल कुमार भी सफाई के साथ सामने आए। उन्‍होंने कहा कि लॉकडाउन में भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत मेडिकल सहित कई विशेष आपात परिस्थिति में जिला प्रशासन ने आने-जाने के लिए पास निर्गत किया। नियमों के तहत ही बकायदा प्रशासनिक अनुमति लेकर कोटा गया और आया। इसमें कहीं से भी लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन की बात नहीं है और न ही किसी भी प्रकार के विशेषाधिकार की बात है। विधायक अनिल कुमार ने कहा कि कोरोना को लेकर विश्वव्यापी आपदा की स्थिति में भारत भी इस चुनौती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निपटने में लगा है। वे कोरोना के विरूद्ध लड़ाई में भारत एवं बिहार सरकार के हर प्रयास के साथ मजबूती से खड़े हैं।

कोटा से बच्‍चों की वापसी पर सीएम ने कही थी ये बात

विदित हो कि बिहार के बीते दिनों कोटा में पड़ने वाले बच्‍चों को यूपी की योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने बसें भेजी। इसे मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन की मर्यादा का उल्‍लंघन बताया था। उन्‍होंने कहा था कि बिहार के बच्‍चों को कोटा में ही रहने की बेहतर सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी।


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