शहाबुद्दीन की पत्नी पर दिए गए बयान पर कायम सुमो, कहा - पीछे नहीं हटूंगा
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील मोदी ने जदयू के मानहानि की नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि मैं अपने बयान पर कायम हूं और उससे पीछे हटने वाला नहीं हूं।
पटना [वेब डेस्क]। भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि वो शहाबुद्दीन की पत्नी को लेकर दिए गए अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज की कानूनी नोटिस का जबाव दिया है। इसमें उन्होंने शहाबुद्दीन की पत्नी को लेकर दिए गए अपने बयान को सही ठहराया है।
क्या कहा था सुशील मोदी ने-
सुशील मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार शहाबुद्दीन की पत्नी को जदयू में शामिल करवाकर उन्हें जदयू का टिकट देना चाहते थे जिसे लेकर पार्टी ने उसपर नाराजगी जताई थी। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने सुमो से यह बयान वापस लेने की बात कही थी, न लेने पर उन्हें कानूनी नोटिस भेजने की धमकी भी दी थी।जब सुशील मोदी ने अपना बयान वापस लेने से इंकार कर दिया तो इसके बाद नीरज ने उन्हें नोटिस भेज दी।
सुमो ने दिया जवाब
जदयू प्रवक्ता के मानहानि के मुकदमे के लिए भेजे गए कानूनी नोटिस का जवाब देते हुए पूर्व सुशील मोदी के अधिवक्ता अक्षय अमृतांशु ने कहा है कि उनके मुवक्किल अपने बयान पर कायम हैं कि नीतीश कुमार मो. शहाबुद्दीन की पत्नी को जदयू में शामिल करा कर चुनाव में टिकट देना चाहते थे।
शहाबुद्दीन को बेल दिलाने में सरकार ने जिस तरह से मदद की और कोर्ट के समक्ष तथ्यों को रखने में कोताही बरती उससे भी उनका आरोप प्रमाणित होता है।
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शहाबुद्दीन की तरह राजवल्लभ की बेल का भी विरोध नहीं किया
सुमो की ओर से कहा गया है कि शहाबुद्दीन की तरह ही सरकार ने नाबालिग से बलात्कार के आरोपित राजद के एक अन्य विधायक राजबल्लभ यादव की बेल का विरोध नहीं किया, जिसकी वजह से उसे भी हाईकोर्ट से बेल मिल गई। हमारे मुवक्किल के दबाव का ही नतीजा रहा कि सरकार को इन दोनों की बेल को खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए विवश होना पड़ा है।
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जदयू को आपराधिक पृष्ठभूमि से परहेज नहीं
नोटिस के जवाब में कहा गया है कि जदयू को कभी भी आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों से कोई परहेज नहीं रहा है। एक दबंग और बाहुबली छवि के व्यक्ति को बार-बार टिकट देकर चुनाव लड़ाया गया और बाद में गठबंधन के नेता के दबाव पर पार्टी से निलम्बित किया गया।
सरकार की खामियों को उजागर करना हमारे मुवक्किल का नैतिक दायित्व है और वे किसी भी प्रकार के मुकदमे की धमकी से डरने वाले नहीं हैं। अगर मुकदमा होता है तो उसका माकूल जवाब दिया जायेगा।