संसदीय क्षेत्रों का फीड बैक लेने में सक्रिय हुई भाजपा, अगले माह आएंगे अमित शाह
पटना [रमण शुक्ला]। बिहार भाजपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे से पूर्व संसदीय क्षेत्रों का फी
पटना [रमण शुक्ला]। बिहार भाजपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे से पूर्व संसदीय क्षेत्रों का फीड बैक जुटाने की कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में पार्टी ने लोकसभा क्षेत्र में प्रभारियों की तैनाती कर दी है। अब शीघ्र ही संसदीय क्षेत्रों में पालकों (संसदीय क्षेत्र गोद लेने वाले वरिष्ठ कार्यकर्ता) की तैनाती होने वाली है।
दरअसल, अगले महीने 11 जुलाई को अमित शाह बिहार के एक दिवसीय दौरे पर पटना आ रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष इस दरम्यान संगठनात्मक गतिविधियों से संबंधित नब्ज टटोलने के साथ-साथ मिशन -2019 को लेकर मंथन करेंगे। यही वजह है कि पार्टी ने 40 लोकसभा क्षेत्र में सागठनिक स्तर पर पालकों के चयन की कवायद तेज कर दी है।
बता दें कि पार्टी ने 11 जून को जिलाध्यक्षों, जिला प्रभारियों सहित मंच, मोर्चा प्रकोष्ठों और विभागों के पदाधिकारियों की पाठशाला में मिशन 2019 व राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे से संबंधित तमाम टास्क व टिप्स दिए। अमित शाह के दौरे के पूर्व पार्टी सभी टास्क पूरा कर लेना चाहती है। भाजपा नेताओं को अमित शाह प्रदेश नेतृत्व को पाठ ही नहीं पढ़ाएंगे, बल्कि अब तक सौंपे गए टास्क को लेकर फीडबैक भी लेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता के अनुसार लोकसभा प्रभारियों की रिपोर्ट प्रत्याशियों के चयन में निर्णायक साबित होगी। यही वजह है कि पार्टी की संपन्न हुई पाठशाला में बूथ स्तर तक पहुंच, पन्ना प्रमुख की प्रभावकारी भूमिका सहित पार्टी के महासंपर्क अभियान पर विस्तार से प्रगति रिपोर्ट ली गई। पार्टी का स्पष्ट मानना है कि बूथ जीतो, चुनाव जीतो। इसी लाइन पर भाजपा लोकसभा की सभी 40 सीटों पर अपनी तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे शाह
महागठबंधन छोड़कर जदयू के एनडीए में शामिल होने और राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार गठन के बाद अमित शाह पहली बार बिहार आ रहे हैं। स्वाभाविक है कि शाह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलेंगे। इससे पूर्व भाजपा कोर कमेटी की बैठक भी लेंगे। इसके बाद प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक होगी। फिर मंच, मोर्चा, प्रकल्प, प्रकोष्ठ पदाधिकारियों की बैठक होगी और आखिर में विभागों के प्रभारियों से शाह रूबरू होंगे।
टिकट की सियासत शुरू
लोकसभा क्षेत्रों के प्रभारियों की तैनाती में जहा टिकटों की सियासत हावी रही वहीं वरिष्ठता की अनदेखी का आरोप भी लग रहा है। एक पूर्व महामंत्री कहते हैं कि पार्टी ने लोकसभा प्रभारियों की नियुक्ति में कोई मापदंड नहीं रखा। कई स्थानों पर लंबे समय से निष्क्रिय नेताओं को भी जिम्मेदारी दे दी गई। डेढ़ दर्जन से ज्यादा ऐसे लोकसभा प्रभारी बनाए गए हैं जिसके पीछे संगठन की मजबूती नहीं बल्कि जेबी लोगों को एडजस्ट करने का गणित सामने आया है।