पटना में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाटों पर हुई भूत खेली पूजा, जानें क्यों इस दिन को खास मान जुटते हैं लोग
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पटना के विभिन्न गंगा घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। एक तरफ नदी की धारा में श्रद्धालु स्नान कर रहे थे वहीं घाट पर ही भूतों की झाड़-फूंक का कार्य भी चल रहा था।
पटना, जेएनएन। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पटना के विभिन्न गंगा घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। एक तरफ नदी की धारा में श्रद्धालु स्नान कर रहे थे, वहीं, घाट पर ही भूतों की झाड़-फूंक का कार्य भी चल रहा था। झाड़-फूंक कराने राज्य के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में लोग घाट पर आए थे। सोमवार को सर्वाधिक भीड़ समाहरणालय घाट पर लगी थी। बड़ी संख्या में लोग अपनी बेहतरी की उम्मीद लेकर पहुंचे।
झाड़-फूंक के बाद भाग जाएगा भूत, आएगी खुशी...
समाहरणालय घाट पर पालीगंज की जानकी देवी अपनी बहू आरती को लेकर आई थी। पांच साल पहले आरती की शादी हुई थी, लेकिन अभी तक कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ। जानकी को उम्मीद थी कि झाड़-फूंक के बाद भूत भाग जाएगा और बच्चा होगा। झाड़-फूंक करने वाले ओझा मंगल सिंह का कहना था कि भूत-प्रेत की छाया जब किसी व्यक्ति पर पड़ जाती है, तब भूत उस व्यक्ति के ऊपर वास करने लगता है। आरती पर भी एक जिन्न की छाया पड़ गई, जिससे बच्चा पैदा नहीं हुआ। लेकिन आज उसे झाड़कर भगा दिया गया। अब उसके शरीर से भूत की छाया उतर गई है। भूत को घाट पर ही बांध दिया गय। अब उसका प्रभाव किसी दूसरे व्यक्ति पर नहीं पड़ेगा।
दर्जनों लोगों पर से हटाई गई प्रेत छाया
इसी तरह मसौढ़ी से मायावती अपनी बेटी किरण का झाड़-फूंक कराने आई थी। उसको मोतीलाल झाड़ रहे थे। किरण घर का कोई काम नहीं करती है। उसे कई दिनों से नींद नहीं आ रही। खाने-पीने की भी सुध नहीं रहती है। उसका शरीर हमेशा सुस्त रहता है। मोतीलाल का कहना है कि भूत झाड़ने के बाद वह पूरी तरह से ठीक हो जाएगी। भूत को मुर्गे की बलि दे दी गई है। अब भूत उसे कभी तंग नहीं करेगा। समाहरणालय घाट पर इसी तरह दर्जनों लोगों पर से प्रेत छाया हटाई गई।