NIRF रैंकिंग में फिसले बिहार के शिक्षण संस्थान, IIT पटना 26 व NIT 92वें स्थान पर
नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ)-2020 के जारी रैंकिंग में राज्य के शिक्षण संस्थानों का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा।
पटना, जेएनएन। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (एमएचआरडी) ने गुरुवार को नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ)-2020 के तहत देशभर के शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जारी कर दी। इसमें राज्य के शिक्षण संस्थानों का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा। 10 कैटेगरी में तीन में ही राज्य के शिक्षण संस्थान स्थान बना पाए हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) पटना की रैंकिंग सबसे बेहतर रही है। इस साल इसने 26वीं रैंक प्राप्त की है। हालांकि पिछले साल की तुलना में चार रैंक की गिरावट है। 2019 में तकनीकी शिक्षण संस्थानों में आइआइटी पटना की रैंक 22 थी। वहीं राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) पटना की रैंक में 44 स्थान का सुधार हुआ है। 2019 में यह 134वें स्थान पर था। इस बार इंजीनियङ्क्षरग शिक्षण संस्थानों में यह 92वें स्थान पर है।
विश्वविद्यालय की कैटेगरी में सेंट्रल यूनिवॢसटी ऑफ साउथ बिहार, गया टॉप-100 में स्थान नहीं बना सका। ओवरऑल कैटेगरी में आइआइटी पटना 54वें स्थान पर है, जबकि पिछले साल यह 58वें स्थान पर था। इस साल एनआइटी पटना ने भी ओवरऑल कैटेगरी में टॉप 200 संस्थानों की सूची में जगह बना ली है। वहीं 2016 में जारी हुई रैंकिंग में एनआइटी पटना को 87वां स्थान मिला था। 2017 और 2018 की रैंकिंग में एनआइटी पटना को जगह ही नहीं मिली थी।
10 में से आठ कैटेगरी में राज्य का एक भी संस्थान नहीं
एनआइआरएफ की रैंकिंग इस साल 10 कैटेगरी में जारी की गई। इसमें राज्य के शिक्षण संस्थान 'ओवरऑल' और 'इंजीनियरिंग' श्रेणी में ही जगह बना सके हैं। विश्वविद्यालय, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी, कॉलेज, मेडिकल, लॉ, आर्किटेक्चर तथा डेंटल कैटेगरी में राज्य का एक भी संस्थान शामिल नहीं हैं।
अधिसंख्य ने नहीं किया आवेदन
पटना विश्वविद्यालय सहित राज्य के अधिसंख्य विश्वविद्यालयों व कॉलेजों ने रैंकिंग के लिए आवेदन ही नहीं किया है। एमएचआरडी द्वारा जारी सूची के अनुसार राज्य के 35 सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों ने ही रैंकिंग के लिए आवेदन किया है। पटना साइंस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. राधाकांत प्रसाद ने बताया कि रैंकिंग के लिए राज्य के शिक्षण संस्थानों में माहौल नहीं है।