CoronaVirus एक अगस्त से हड़ताल पर जा सकते हैं बिहार के नाराज लैब टेक्नीशियन
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पिछले पांच सालों से रिजल्ट पेंडिंग रखने से नाराज होकर लैब टेक्नीशियनों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। जानें क्या है इनकी मांग
पटना, जेएनएन। बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। राज्य में रोजाना दो हजार से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं। कोरोना संक्रमितों की बात करें तो पटना बिहार का हॉटस्पॉट बना हुआ है। राजधानी में अबतक साढ़े सात हजार से अधिक कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। वायरस की चेन तोड़ने के लिए जंग में कोरोना वारियर्स की भूमिका अहम हो गई है, लेकिन सरकार उनकी भी सुध नहीं ले रही है। इससे नाराज कोरोना वॉरियर्स की भूमिका में तैनात लैब टेक्नीशियन एक अगस्त से हड़ताल पर जा सकते हैं।
पांच साल से पेंडिंग है रिजल्ट, नहीं हो रही सुनवाई
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पिछले पांच सालों से रिजल्ट पेंडिंग रखने से नाराज होकर लैब टेक्नीशियनों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। राज्य के 678 लैब टेक्निशियंस 10 वर्षों से अस्पतालों में संविदा पर कार्यरत हैं। इनका आरोप है कि काउंसिलिंग के पांच साल बाद भी अब तक सेवा स्थायी नहीं की गई है।
बिहार के लैब टेक्निशियंस में गुस्सा, 31 तक दी मोहलत
बिहार अनुबंधित लैब टेक्नीशियन और पारा मेडिकल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत कुमार ने बताया कि बिहार में वर्ष 2015 में ही 1772 पदों लैब टेक्नीशियन के लिए बहाली निकाली गई थी। इसमें सिर्फ 1138 का चयन किया गया जिसका रिजल्ट आज तक नहीं जारी किया गया। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा भी मेधा सूची जारी करने का निर्देश दिया गया है, मगर कार्रवाई सिफर रही। सुरजीत ने बताया कि इसके लिए संघ ने अपनी ओर से काफी कोशिश की, उसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई।
सैंपल लेने और जांच की प्रक्रिया हो सकती है बाधित
ऐसे में आयोग की इस लापरवाही से बिहार के लैब टेक्निशियंस में गुस्सा है और 31 जुलाई तक की समयसीमा दी गई है। अगर लैब टेक्निशियंस हड़ताल ओर गए तो कोरोना मरीजों के सैंपल लेने और जांच की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।