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बिहार में अफसर बोले- कोरोना के कारण गेहूं की खरीदारी कम, राजद का दावा- चल रही घोटाले की तैयारी

2134 पैक्सों और व्यापार मंडलों में शनिवार तक महज 65 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद हुई है। इधर राजद ने आरोप लगाया है कि अधिकारी गेहूं खरीद के नाम पर घोटाले की तैयारी में जुटे हैं। राजद के नेताओं ने ऐसा आरोप क्‍यों लगाया है इसकी जानकारी भी आपको मिलेगी।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 12:56 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 12:56 PM (IST)
बिहार में अफसर बोले- कोरोना के कारण गेहूं की खरीदारी कम, राजद का दावा- चल रही घोटाले की तैयारी
बिहार में गेहूं की सरकारी खरीद की गति सुस्‍त। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, दीनानाथ साहनी। 20 अप्रैल से सरकार के दो विभागों ने गेहूं की सरकारी खरीद शुरू की थी। तब अफसरों ने दावा किया था कि सभी जिलों में गेहूं खरीद की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अब 25 दिन बाद गेहूं खरीद की रफ्तार कुछ इस तरह दिख रही है कि सूबे के 2635 पैक्सों और व्यापार मंडलों में गेहूं खरीद शुरू ही नहीं हो पाई है।  2134 पैक्सों और व्यापार मंडलों में शनिवार तक महज 65 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद हुई है। इधर, राजद ने आरोप लगाया है कि अधिकारी गेहूं खरीद के नाम पर घोटाले की तैयारी में जुटे हैं। राजद के नेताओं ने ऐसा आरोप क्‍यों लगाया है, इसकी जानकारी भी आपको खबर में मिलेगी।

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  • गेहूं खरीद पर कोरोना का असर, मात्र 65 हजार मीट्रिक टन खरीदारी
  • 2635 पैक्सों व व्यापार मंडलों में गेहूं खरीद की प्रक्रिया अटकी
  • अफसरों का दावा-अभी तक पिछले वर्ष से 20 गुणा ज्यादा गेहूं की खरीद

पिछले वर्ष 15 मई तक प्रदेश में करीब तीन हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। हालांकि इस बार 20 गुना ज्यादा खरीद हो चुकी है। कोरोना संक्रमण से किसान क्रय केंद्रों पर नहीं आ रहे हैं। नालंदा के पैक्स अध्यक्ष त्रिभुवन शर्मा ने बताया कि ज्यादातर किसान खुले बाजार में गेहूं बेच रहे हैं क्योंकि पैक्सों की कागजी प्रक्रिया में फंसना नहीं चाहते। खुले बाजार के खरीदार घर आकर गेहूं खरीद लेते हैं।

सात लाख एमटी गेहूं खरीदने का लक्ष्‍य

राज्य में गेहूं की अच्छी उपज के अनुमान के आधार पर सरकार ने खरीद के लक्ष्य को एक लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर सात लाख मीट्रिक टन कर दिया है। इस लक्ष्य को अगले 15 दिनों में किस तरह हासिल करेंगे, इस पर अफसर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। रोचक यह कि राज्य में चना व मसूर की खरीद का भी बुरा हाल है। दो लाख मीट्रिक टन चना दाल और 3.25 लाख मीट्रिक टन मसूर दाल की खरीद का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी तक दो हजार मीट्रिक टन दाल की खरीद भी नहीं हुई है।

गेहूं खरीद की मानीटरिंग तेज

सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने बताया कि गेहूं खरीद के लिए 4769 पैक्सों-व्यापार मंडलों का चयन किया गया है। 2134 पैक्सों-व्यापार मंडलों में गेहूं की खरीद हो रही है। जिन पैक्सों ने खरीदारी शुरू नहीं की है, उन्हें जल्द खरीद शुरू करने का आदेश दिया गया है। अभी तक 11826 किसानों से गेंहू खरीद हुई है। 1107 मीट्रिक टन गेहूं राज्य खाद्य निगम को उपलब्ध भी करा दिया गया है।

गेहूं खरीद में घोटाले के आसार : राजद

राजद ने सरकारी समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद में घोटाले की आशंका जताते हुए राज्य सरकार को सचेत किया है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि अभी औने-पौने दाम में बिचौलिए खरीद लेंगे और एमएसपी पर सरकारी एजेंसियों को बेच देंगे। राजद नेता ने कहा कि वह खुद किसान हैं और 20 दिनों से वैशाली जिला मुख्यालय और प्रखंड से लेकर पैक्स तक संपर्क कर थक चुके हैं। कोई बताने को तैयार नहीं है कि गेहूं किस एजेंसी द्वारा कब और कहां खरीदा जाएगा। राजद नेता ने कहा कि गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल है। सात लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य है, लेकिन अभी तक 10 फीसद खरीदारी भी नहीं हो पाई है।


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