Bihar Weather Alert: गर्म व ठंडी हवाओं के टकराने से भारी वज्रपात की आशंका, बरतें ये एहतियात
Bihar Weather Alert मानसून के आरंभिक दौर में बिहार में गर्म व ठंडी हवाएं टकरा रहीं हैं। इस कारण भारी वज्रपात की आशंका बन गई है। इसे देखते हुए आप क्या एहतियात बरतें जानिए।
पटना, नीरज कुमार। Bihar Weather Alert: गुरुवार को बिहार में 83 लोगों की जान लेने वाली आकाशीय बिजली का खतरा अभी टला नहीं है। उत्तरी बिहार के अधिकांश जिलों में 28 जून तक वज्रपात का खतरा बना हुआ है। इस दौरान भारी बारिश भी होगी। दरअसल बिहार से लेकर राजस्थान तक ट्रफ लाइन बनने से राज्य में कंवर्जेंस जोन बन गया है। यह जोन ऐसा क्षेत्र है, जहां पर गर्म एवं ठंडी हवाएं आपस में टकराती हैं। गर्म एवं ठंडी हवाओं के टकराने से बिजली कड़कती है, जिसे गांव-गिरांव की भाषा में ठनका गिरना कहते हैं।
उत्तर बिहार में टकरा रहीं नम व शुष्क हवाएं
पटना मौसम केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि वर्तमान में उत्तर बिहार के सीमावर्ती इलाकों में लगभग 3.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमीयुक्त एवं राजस्थान से आने वाली शुष्क हवाएं टकरा रही हैं। इस कारण भारी बारिश के साथ बिजली कड़क रही है, वज्रपात हो रहा है।
मानसून में वायुमंडलीय असंतुलन से भी वज्रपात
वज्रपात का दूसरा कारण वायुमंडलीय उथल-पुथल है। यानी, वायुमंडल में असंतुलन पैदा होना। जब वायुमंडल में ऐसा होता है, तब इस तरह की स्थिति उत्पन्न होती है। प्रीमानसून या मानसून के शुरुआती दौर में ऐसी स्थिति बनती है। इस वर्ष ठनका गिरने की घटनाएं कुछ ज्यादा हो रही हैं।
बरतें एहतियात, बारिश के दौरान घर से न निकलें
पटना मौसम केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा का कहना है कि वर्तमान में बारिश के दौरान लोगों को घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। इस दौरान बिजली गिरने की आशंका रहती है। कोशिश करें कि पक्के घर में सुरक्षित रहें। बारिश के दौरान प्राय: लोग खुले में पेड़ों के नीचे छिपने की कोशिश करते हैं। हरे पड़े बिजली के लिए अत्यंत सुचालक होते हैं। ये बिजली को अपनी ओर तेजी से आकर्षित करते हैं। इसलिए अक्सर देखा जाता है कि पेड़ों पर बिजली गिरती है। ऊंचे पेड़ पहले उसके शिकार होते हैं।
बिजली कड़के तो खुले में मोबाइल का इस्तेमाल न करें
मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली कड़कने के दौरान खुले में मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में मोबाइल से कॉल न करें। मोबाइल को तत्काल स्विच ऑफ कर दें। जब तक आकाश साफ नहीं हो, उसे ऑन न करें। बिजली कड़कने के दौरान मोबाइल का उपयोग करने से सेट में भी गड़बड़ी होने की आशंका रहती है। इसके अलावा विद्युत सुचालक चीजों से दूर रहें तो ज्यादा ठीक है।
क्या करें क्या न करें, जानिए
- बादलों के गर्जन के समय ऊंचे पेड़ों की शरण न लें। न ही वर्षा से बचने हेतु ऐसा किया जाए। अकेले पेड़ या ऊंची संरचनाओं की शरण हॢगज न ली जाए। मजबूरी हो, तो छोटे पेड़ों के पास रहें।
- खुले आसमान के नीचे अकेले फंस गये हों तो गड्ढों या नीची चट्टानों की ओट लें।
- विस्तृत मैदान में, जहां कोई पेड़ या ऊंची रचना न हो, वहां खड़े रहने की गलती न करें।
- उसी छतरी का इस्तेमाल करें, जिसमें धातु की बजाय लकड़ी का हैंडल लगा हो।
- आसपास कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि चालू हालत में न रखें।
- बिजली के खंभों और टॉवरों से दूरी बरतें।
- वाहनों से निकल कर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जायें।
- बिजली चमकने के समय धातु के तारों, खिड़की, ग्रिल आदि से दूर रहें। उस समय बिजली का हर उपकरण बंद रखा जाये।
- वज्रपात की आशंका हो तो खुली जमीन पर न लेटें।
- विशाल मैदान हो, तो झुंड में न खड़े हों।
- दलदली तथा जल-जमाव के स्थानों से दूर रहा जाये।
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