Move to Jagran APP

वीटीआर की आदमखोर बाघिन के पेट में मिली टोपी और बालों का गुच्‍छा, गांव में जाकर करती थी शिकार

वीटीआर की आदमखोर मृत बाघिन के पेट से निकली टोपी टैग और बाल का गुच्छा संजय गांधी जैविक उद्यान में डॉक्टरों की टीम ने किया पोस्टमॉर्टम उम्र अधिक होने और दांत टूट जाने के कारण शिकार करने में थी असमर्थ

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 06:44 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 06:44 AM (IST)
वीटीआर की आदमखोर बाघिन के पेट में मिली टोपी और बालों का गुच्‍छा, गांव में जाकर करती थी शिकार
पटना जू में इलाज के दौरान हुई थी वीटीआर की बाघिन की मौत। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। VTR Tiger News: वाल्मीकिनगर व्याघ्र परियोजना (Valmikinagar Tiger Reserve) से उपचार के लिए संजय गांधी जैविक, पटना लाई गई बाघिन का पोस्टमॉर्टम शुक्रवार को पांच सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार बाघिन वृद्ध होने के कारण शिकार करने में असमर्थ थी। उसके दांत टूट गए थे। भूख से लंबे समय से परेशान रहने का प्रमाण मिला है। उसकी संभावित उम्र 18 वर्ष बताई गई है। शरीर के कई स्थानों पर गंभीर घाव के निशान भी मिले। आशंका जताई जा रही कि घाव पुराना था।

loksabha election banner

शिकार में असमर्थ होने पर भोजन की तलाश में निकली जंगल से बाहर

लंबे समय से पर्याप्त भोजन नहीं मिलने के कारण उसका स्वास्थ्य गिरता चला गया। भोजन की तलाश में वह वाल्मीकि नगर व्याघ्र परियोजना क्षेत्र से भटककर ग्रामीण क्षेत्र में आ गई थी। रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि उसके पेट से टोपी, टैग और बाल का गुच्छा मिला है। पोस्टमॉर्टम टीम में डॉ. कौशल कुमार, मनोज कुमार, रमेश तिवारी, प्राणी अस्पताल के चिकित्सक डॉ. समरेंद्र बहादुर सिंह, आरके पांडेय आदि शामिल थे।

गुरुवार की रात इलाज के दौरान पटना जू में हो गई मौत

रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार की रात 2.22 बजे उसकी मौत संजय गांधी जैविक उद्यान के प्राणी अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। उद्यान प्रबंधन के अनुसार रात 11.00 बजे बाघिन को गंभीर अवस्था में प्राणी अस्पताल इलाज के लिए लाया गया था। तीन घंटा 22 मिनट तक प्राणी अस्पताल में जिंदा रही। 18 फरवरी को बाघिन को मंगुराहा वन प्रक्षेत्र के मानपुर जंगल के पास से रेस्क्यू किया गया था।

इस तरह चर्चा में आई वीटीआर की यह बाघिन

27 जनवरी : मंगुराहा के पास एक गांव में एक बकरी का शिकार कर पुन: जंगल में चली गई।

09 फरवरी : हरकटवा गांव में बकरी पर हमला किया। एक महिला बकरी के बचाव में बाघिन से घायल हो गई और उसकी मौत हो गई।

12 फरवरी : रात में परसौनी गांव में खेत की रखवाली कर रहे दंपती की मौत घायल होने के कारण हो गई।  

14 फरवरी : एक टाइगर ट्रैकर बाघिन की चपेट में आ जाने के कारण घायल हो गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.