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बिहार में भाजपा ने 'विजय' के साथ रचा इतिहास, संगठन के शिल्पकार को हैट्रिक का मिला इनाम

पार्टी ने स्थापना के 40 वर्षों बाद विधानसभा अध्यक्ष पद की बागडोर विजय कुमार सिन्हा को सौंप कर भाजपा ने बड़ा संदेश दिया है। बिहार भाजपा के इतिहास में विजय का नाम पार्टी के पहले विधानसभा अध्यक्ष के रूप में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 05:37 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 05:37 PM (IST)
बिहार में भाजपा ने 'विजय' के साथ रचा इतिहास, संगठन के शिल्पकार को हैट्रिक का मिला इनाम
विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा का स्वागत करते श्रम संसाधन मंत्री जीविश कुमार, मीडिया प्रभारी राजू झा व भाजपा के कार्यकर्ता।

रमण शुक्ला, पटना। बिहार में भाजपा ने बुधवार को एक और 'विजय' के साथ इतिहास रच दिया। पार्टी ने स्थापना के 40 वर्षों बाद विधानसभा अध्यक्ष पद की बागडोर विजय कुमार सिन्हा को सौंप कर बड़ा संदेश दिया है। बिहार भाजपा के इतिहास में विजय का नाम पार्टी के पहले विधानसभा अध्यक्ष के रूप में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया। भाजपा ने दो उपमुख्यमंत्री में एक पद पर पिछड़ा में वैश्य समाज के तारकिशोर प्रसाद और दूसरे पद पर अतिपिछड़ा समाज में नोनिया बिरादरी की रेणु देवी की ताजपोशी कर आधार वोट बैंक के बीच बड़ा संदेश दिया था। अब विधानसभा अध्यक्ष पद सवर्ण समाज को सौंप कर परंपरागत और पार्टी के संस्थापक मतदाताओं को साधने का काम किया है।

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हैट्रिक लगाने का मिला इनाम

विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय से बतौर विधायक जीत की हैट्रिक लगाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष बनकर पार्टी और स्वयं के लिए एक और रिकॉर्ड बना दिया। लखीसराय से चार बार विधायक चुने गए विजय 2005 के फरवरी में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन 2005 के नवंबर में हुए चुनाव में महज 80 मतों से हार गए थे। विजय 2010 से लगातार जीत रहे हैं।

विजय राष्ट्रीय स्वयं संघ के बाल स्वयं सेवक रहे हैं। सियासत में आने से पहले सिविल इंजीनियर रहे विजय कुमार सिन्हा भाजपा में संगठन के भी बड़े शिल्पकार हैं। 1980 में भाजपा के स्थापना के साथ ही बाढ़ नगर मंडल के सदस्य बन गए थे। 1983 में एएन कॉलेज, बाढ़ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीबीपी) से छात्र राजनीति में प्रवेश किया। भाजपा में मंडल, जिले और प्रदेश संगठन में विभिन्न पदों की कसौटी पर खरे उतरने वाले विजय को पार्टी ने इनाम के तौर पर संवैधानिक पद की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि तीन दशक के मंझे हुए कार्यकर्ता विजय राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति में कुशल और परिपक्व राजनेता साबित होंगे। 

संगठन के शिल्पकार रहे हैं सिन्हा

भाजपा से जुड़ने के बाद 32 वर्षों के सक्रिय सियासी जीवन में विजय कुमार सिन्हा संगठन के अहम शिल्पकार रहे हैं। भाजपा ने विजय की सांगठनिक प्रतिभा को देखते हुए 2017 में एनडीए की सरकार बनने पर 29 जुलाई को श्रम संसाधन मंत्री बनाया था। इसके साथ बेगूसराय जिले के प्रभारी मंत्री भी बनाए गए थे। विजय के नाम पांच वर्षों तक पार्टी के प्रखर प्रदेश प्रवक्ता रहने की थाती भी है।


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