Bihar Vidhan Sabha News: जदयू ने अपने संवाद सिलेबस में कोरोना और बाढ़ को प्रमुखता से जोड़ा
जदयू अब तक 15 साल बनाम 15 साल के सूत्र वाक्य के साथ चुनावी मैदान में अपने को आगे बढ़ा रहा था लेकिन अब कोरोना और बाढ़ का मामला सामने रखकर आगे चल रहा है।
पटना, जेएनएन। जदयू ने अपने संवाद सिलेबस में बदलाव कर लिया है। रविवार से यह बदलाव विधानसभावार चल रहे पार्टी के वर्चुअल संवाद में दिखना शुरू भी हो गया है। जदयू अब तक 15 साल बनाम 15 साल के सूत्र वाक्य के साथ चुनावी मैदान में अपने को आगे बढ़ा रहा था, लेकिन अब कोरोना और बाढ़ का मामला सामने है। वर्चुअल संवाद में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की जो चार टीमें लगी हैैं, वे अब कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सहायता और बाढ़ प्रभावित जिलों में चल रहे राहत कार्य पर अधिक जोर दे रही हैैं। अब अगले तीन दिन तक ही यह आयोजन होना है।
वर्जुअल सम्मेलन में दे रहे जानकारियां
क्वारंटाइन सेंटर की बातों के क्रम में जदयू नेता वर्चुअल सम्मेलन में यह बता रहे कि राज्य सरकार ने 31 लाख लोगों को विशेष ट्रेन के माध्यम से बाहर के प्रदेशों से बिहार बुलाया। उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रखा और हरेक व्यक्ति के बैैंक खाते में एक-एक हजार रुपये भेजे गए। यह भी याद दिलाया जा रहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों से वहां की व्यवस्था के बारे में खुद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की। क्वांरटाइन सेंटर पर बढिय़ा भोजन एवं चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। जदयू अपने कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों को यह याद दिला रहा कि विगत चार-पांच माह के दौरान नीतीश कुमार के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण से बचाव और उसके इलाज के साथ-साथ जागरूकता को ले किस तरह से काम किया गया।
राहत और बचाव को ले एक अलग सत्र
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव को ले एक अलग सत्र ही चल रहा है। जल संसाधन मंत्री संजय झा जब वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हैैं तो इस बारे में विस्तार से बताते हैैं। यह बताया जाता है कि सरकार बाढ़ पीडि़तों के राहत कार्य को लेकर इतनी गंभीर है कि मुख्यमंत्री इसकी मॉनीटङ्क्षरग स्वयं कर रहे। जीआर के तहत बाढ़ पीडि़तों को छह-छह हजार रुपये उपलब्ध कराए जाने को ले उन्होंने विशेष समीक्षा बैठक की और आला अधिकारियों को निर्देश दिए। बड़ी संख्या में बाढ़ में फंसी आबादी को गांव से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
बढ़ते संक्रमण और पानी ने एंगल बदलने का दिया आधार
आरंभ में जदयू ने जब अपना वर्चुअल सम्मेलन आरंभ किया था तो 15 साल बनाम 15 साल पर ही पूरी चर्चा केंद्रित थी। लालू-राबड़ी सरकार की तुलना में नीतीश कुमार के 15 वर्षों के शासन में विकास, शिक्षा और समाज कल्याण से जुड़ी योजनाओं में किस तरह की तब्दीली आई, इस पर विस्तार से बता रहे थे। अब जबकि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ गए हैं और बाढ़ प्रभावित जिलों का दायरा तो तो पार्टी ने अपने संवाद का एंगल बदल दिया है।