Bihar Vidhan Sabha Chunav: चुनाव नजदीक आते ही शिलान्यासों का दौर शुरू, इसी बहाने चल रहा जनसंपर्क
Bihar Vidhan Sabha Chunav विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ शिलान्यासों का दौर तेज है। इनके माध्यम से जनसंपर्क चल रहा है। संभावित प्रत्याशी भी सक्रिय हो गए हैं।
किशनगंज, जेएनएन। विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू होते ही शिलान्यास और उद्घाटन का दौर शुरू हो गया है। एक-एक दिन में एक विधायक आधा दर्जन योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन कर रहे हैं। इसी बहाने गांव-गांव जाकर जनसंपर्क अभियान भी चलाया जा रहा है। विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने की गर्माहट ग्रामीण इलाकों में बखूबी महसूस की जा सकती है।
प्रतिदिन दर्जनों योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन
विधायक व दूसरे दलों के संभावित उम्मीदार सक्रिय हो गए हैं। 20 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा पटना से रिमोट दबाकर लगभग 150 योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन व कार्यारंभ किया गया है। ये सभी योजनाएं दिघलबैंक, ठाकुरगंज व पोठिया प्रखंड क्षेत्र में क्रियान्वित होनी हैं। इसके अलावा जिले में प्रतिदिन दर्जनों योजनाओं का विधायकगण शिलान्यास व उद्घाटन कर रहे हैं।
नजीर के तौर पर देखें तो गत 22 जुलाई को पोठिया प्रखंड के अंतर्गत चिचुआबाड़ी रायपुर पथ से जलपाइडांगा सड़क के निर्माण का विधायक कमरूल होदा द्वारा शिलान्यास किया गया था। इसी सड़क के अगले पार्ट का यानी चिचुआबाड़ी रायपुर पथ से मंगलीझाड़ का 20 अगस्त को मुख्यमंत्री के द्वारा शिलान्यास किया गया। इसी तरह कई अन्य सड़कें भी हैं, जिसके एक पार्ट का विधायक तो दूसरे पार्ट का मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किया जा चुका है। विभागीय इंजीनियर का कहना है कि इन सड़कों का फिलहाल शिलान्यास किया गया है, जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
कोरोना की आपदा को अवसर में बदलने की कवायद
चुनावी आईने में देखें तो कोरोना महामारी जैसी आपदा को अवसर में बदलने के लिए शिलान्यास व उद्घाटन बेहतर अवसर साबित हो रहा है। कोरोना वायरस को लेकर जारी गाडइलाइन के तहत राजनीतिक कार्यक्रम पर पाबंदी है लेकिन सरकारी कार्यक्रम के तहत योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन के माध्यम से जनता से रूबरू होने का मुफीद मौका भी मिल रहा है। हाल के दिनों में यानी एक पखवारे में बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में लगभग 50 व कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र में भी दो दर्जन योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया जा चुका है। यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसी बहाने गांवों का दौरा कर सौ-दो सौ की संख्या में जुटे ग्रामीणों से रूबरू होने का मौका भी मिल रहा है और अपनी चुनावी रणनीति को अमलीजामा भी पहनाया जा रहा है। दूसरी तरफ संभावित प्रत्याशी या दूसरे दलों के नेता भी सदस्यता अभियान या बैठक के बहाने लगातार जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं।