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बिहारः शिक्षक नियोजन की गड़बड़ियों की आई रिपोर्ट, ढाई सौ से ज्यादा का दो-दो नियोजन इकाई में चयन

शिक्षा विभाग के स्तर से जांच रिपोर्ट पर बेहद गोपनीयता बरती जा रही है। हालांकि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के संबंधित अफसर जांच रिपोर्ट में एक-एक बिंदु की छानबीन करने में जुटे हैं। जल्द ही शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में जांच रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 11:04 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 11:04 PM (IST)
बिहारः शिक्षक नियोजन की गड़बड़ियों की आई रिपोर्ट, ढाई सौ से ज्यादा का दो-दो नियोजन इकाई में चयन
बिहार में शिक्षक नियोजन की गड़बड़ियों की रिपोर्ट आ गई है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य में 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली के लिए पहले चरण की काउंसिलिंग में जिन 400 नियोजन इकाइयों में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई थीं, उन सबकी जांच रिपोर्ट शिक्षा विभाग को मिल गई है। विभाग के स्तर से जांच रिपोर्ट पर बेहद गोपनीयता बरती जा रही है। हालांकि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के संबंधित अफसर जांच रिपोर्ट में एक-एक बिंदु की छानबीन करने में जुटे हैं। जल्द ही शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में जांच रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद विभाग के स्तर से दोषियों पर कार्रवाई होगी। ध्यान रहे कि विभाग ने पहले ही संबंधित चार सौ नियोजन इकाइयों की काउंसिलिंग और मेधा सूची रद कर चुकी है। 

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एक ही अभ्यर्थी को दो नियोजन इकाई में चयन


जांच रिपोर्ट में नालंदा, शेखपुरा, कैमूर, रोहतास, नवादा, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा और बांका जिले की तकरीबन चार दर्जन नियोजन इकाइयों में मेधा सूची को तैयार करने में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। ऐसे कई नियोजन इकाइयों में सामान्य सीट पर पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इसी तरह समस्तीपुर, दरभंगा, सारण और सिवान में एक-एक अभ्यर्थी का दो-दो नियोजन इकाई में चयन हुआ। रोहतास जिले के चेनारी प्रखंड नियोजन इकाई में 8 जुलाई को अभ्यर्थी मंजीत कुमार का चयन हुआ और फिर उसी अभ्यर्थी का 12 जुलाई को पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई में भी चयन किया गया। ऐसे ढाई सौ ज्यादा अभ्यर्थी हैं जो दो स्थानों पर चयनित हो गए। चयन में तीन सौ से ज्यादा नियोजन इकाइयों में रोस्टर को दरकिनार किया गया। 

बिना आपत्ति का निराकरण किए मेधा सूची का प्रकाशन


जांच रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा पंचायत नियोजन इकाइयों में बिना आपत्ति का निराकरण किए मेधा सूची का प्रकाशन किया गया तो कहीं पर काउंसिलिंग के दिन मेधा सूची को सार्वजनिक किया गया। इतना ही नहीं, जिन अभ्यर्थियों ने मेधा सूची पर आपत्ति दर्ज कराई, उसका निराकरण नहीं किया गया। मेधा सूची के आधार पर क्रमवार अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में नाम पुकारा नहीं गया। विभाग के मुताबिक निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट जिले की पोर्टल पर अपलोड नहीं किए जाने से भी गड़बड़ी को सामने लाया क्योंकि नियमानुसार 20 जुलाई तक हर हाल में इसे अपलोड कर दिया जाना है। अब एक दिन शेष है। लेकिन, अभी बहुत सारे अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट अपलोड होना बाकी है।


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