बिहार में पहले चरण में चयनित शिक्षकों को लेकर संशय खत्म, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कही ये अहम बात
Bihar Teacher Recruitment शिक्षा विभाग को कुछ अभ्यर्थियों द्वारा यह शिकायत मिली है कि चयनित शिक्षकों की सूची को नियोजन इकाई द्वारा सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। अब शिक्षा विभाग ने सभी डीईओ एवं डीपीओ को दिया आदेश
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Teacher Recruitment: बिहार में 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों के पद के लिए पहले चरण में हुई काउंसिलिंग में चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक होगी। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के आदेश पर विभाग ने 20 जुलाई तक प्रत्येक जिले के एनआइसी की वेबसाइट पर शिक्षकों की चयन सूची को अपलोड कर सार्वजनिक करने का आदेश सभी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) को दिया है। दरअसल, शिक्षा विभाग को कुछ अभ्यर्थियों द्वारा यह शिकायत मिली है कि चयनित शिक्षकों की सूची को नियोजन इकाई द्वारा सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।
चयनित का नाम, कोटि, मेधा अंक, विषय एवं प्राप्त आरक्षण भी सार्वजनिक
शिक्षक अभ्यर्थियों की चयन सूची को वेबसाइट पर अपलोड कर सार्वजनिक करने में चयनित का नाम, कोटि, मेधा अंक, विषय और प्राप्त आरक्षण का लाभ को अंकित करना अनिवार्य है। साथ ही, यह भी ध्यान रखना है कि नियोजन इकाइयों से जो चयन सूची मिली है उसमें काउंसिलिंग में शामिल अभ्यर्थी, मेधा सूची एवं आरक्षण रोस्टर का विभागीय आदेश के आलोक में सही तरीके से पालन हुआ है या नहीं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डा.रणजीत कुमार सिंह द्वारा सभी डीईओ एवं डीपीओ को इस संबंध में आदेश दिए गए हैं। निदेशक के मुताबिक इसीलिए विभाग ने चयन सूची को वेबसाइट पर सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। यहां बता दें कि पहले चरणकी काउंसिलिंग में तकरीबन 400 जिन नियोजन इकाइयों की काउंसिलिंग और मेधा सूची रद की जा चुकी है, उन नियोजन इकाइयों को छोड़ कर शेष साढ़े चार हजार नियोजन इकाइयों की चयन सूची बीस जुलाई तक जिले की वेबसाइट पर सार्वजनिक होगी।
शिक्षा मंत्री ने कही ये बात
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य में शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और त्रुटिरहित संपन्न कराने के उद्देश्य के तहत पहले चरण की काउंसिलिंग में चयनित शिक्षकों की सूची को सार्वजनिक किया जा रहा है ताकि मेधा सूची में शामिल किसी अभ्यर्थी को सूची देखकर या अवलोकन कर कोई आपत्ति हो तो वो अपने संबंधित नियोजन इकाई में शिकायत दर्ज करा सकें और उनकी शिकायतों का निराकरण भी हो सके।