बड़ी पहल: साइबर क्राइम कंट्रोल में नजीर कायम करने की राह पर बिहार, जानिए
साइबर क्राइम कंट्रोल करने में बिहार ने बड़ी पहल की है। अब इसपर नियंत्रण के लिए बिहार पुलिस मुख्यालय ने 74 साइबर क्राइम कंट्रोल यूनिट खोलने की बात कही है। जानिए इस रिपोर्ट में...
पटना [राज्य ब्यूरो]। साइबर क्राइम पर नियंत्रण के लिए पुलिस मुख्यालय ने राज्य में 74 साइबर क्राइम कंट्रोल यूनिट खोलने की पहल की है। बड़े जिलों में दो और छोटे जिले में एक साइबर क्राइम कंट्रोल यूनिट की स्थापना की जाएगी। एक यूनिट में 10 पद यानि कुल 740 पद सृजित किए गए हैं। साइबर क्राइम कंट्रोल यूनिट की जिला मुख्यालय और अनुमंडलीय मुख्यालय वाले शहरों में स्थापना होगी।
बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जितेंद्र सिंह गंगवार का दावा है देश में बिहार सर्वाधिक साइबर क्राइम कंट्रोल यूनिट खोलकर नजीर कायम करने की ओर अग्रसर है। देश में इकलौता राज्य बिहार है, जहां जिला स्तर पर साइबर सेल संचालन करने की तैयारी है।
पुलिस मुख्यालय बिहार के सभी 1,064 थानेदारों (महिला थानेदार समेत) 2,200 पुलिस अफसरों को ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रति थाने से दो पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पांच दिनों की विशेष ट्रेनिंग में साइबर क्राइम, क्रिमिनल, अनुसंधान, सोशल मीडिया, साइबर कानून व अन्य पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी रही है।
ईओयू साइबर सेल द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें एक्सपर्ट की भूमिका में ट्रेनर के साथ आला पुलिस अफसर, दूरसंचार विभाग के बड़े अफसर, कानूनी विशेषज्ञ जज से लेकर वकील और सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने का खाका तैयार किया है। पांच दिवसीय ट्रेनिंग के बाद ट्रेनी अफसरों की परीक्षा भी ली जा रही है।
जिलों में इंस्पेक्टर रैंक के अफसर होंगे प्रभारी
साइबर क्राइम से निपटने के लिए 20 से कम थानों वाले जिले में 1 यूनिट, 21 से 40 थाने वाले जिलों में 2 यूनिट और 41 से 60 या अधिक थाने वाले जिलों में 3 साइबर क्राइम कंट्रोल यूनिट होंगे। पटना जिले की आवश्यकताओं को देखते हुए 4 यूनिट खोले जाएंगे। इसमें हर एसपी के लिए 1-1 यूनिट होंगे।
सीसीएसएमयू की राज्यस्तरीय नोडल एजेंसी ईओयू में 5 यूनिट होंगे। इसके अलावा साइबर फोरेंसिक यूनिट व साइबर ट्रेनिंग एकेडमी में 1-1 यूनिट रहेंगे। हर रेल जिले (कुल 4 जिले) में भी 1-1 यूनिट काम करेगा। हर यूनिट के प्रभारी कंप्यूटर में दक्ष इंस्पेक्टर स्तर के अफसर होंगे।
साथ ही यूनिट में 3 दारोगा, 2 सिपाही और 4 कंप्यूटर तकनीक विशेषज्ञ (1 प्रोग्रामर व 3 डाटा सहायक) की तैनाती होगी। फिलहाल प्रोग्रामर व डाटा इंट्री ऑपरेटर को कांट्रेक्ट पर बहाल किया जाएगा।