Move to Jagran APP

राज्य महिला आयोग भंग, अंतिम दिन 25 मामलों की सुनवाई

अब बिहार राज्‍य महिला आयोग का नए सिरे से पुनर्गठन होगा। पीडि़ताएं दें सकेंगी आवेदन पर फिलहाल किसी प्रकार की कार्रवाई या सुनवाई नहीं होगी । अब जो मामले आ रहे हैं उसमें अगले साल जनवरी-फरवरी की तारीख दी जा रही है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 12:49 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 12:49 PM (IST)
राज्य महिला आयोग भंग, अंतिम दिन 25 मामलों की सुनवाई
बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा की तस्‍वीर ।

पटना, जेएनएन।  बिहार राज्य महिला आयोग शुक्रवार, 30 अक्‍टूबर को 25 मामलों में सुनवाई करने के बाद अनिश्चित काल के लिए भंग हो गया। अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने बताया, आयोग का कार्यकाल तीन साल का था, जो शुक्रवार को खत्म हो गया है। उनके अनुसार अंतिम दिन 25 वादों कीं सुनवाई की गई। शेष मामलों में अगले साल जनवरी व फरवरी की तारीख दे दी गई है।

loksabha election banner

अब नहीं होगी सुनवाई :

आयोग भंग हो जाने के बाद अब किसी भी केस में सुनवाई नहीं होगी। अधिकारियों के अनुसार कोई भी नया केस अगर आएगा तो उसे सिर्फ फाइल किया जा सकेगा। उस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो सकेगी और न ही कोई फैसला लिया जा सकेगा।

ऑनलाइन भी दे सकते आवेदन :

पीडि़ता महिला आयोग की वेबसाइट पर जाकर अपनी व्यथा ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से आयोग के समक्ष रख सकती हैं। उन पर आयोग के पुनर्गठन के बाद ही सुनवाई हो सकेगी। अध्यक्ष ने बताया कि अब जो मामले आएंगे, उनमें जनवरी या फरवरी की तारीख दी जा रही है। उम्मीद है तब तक आयोग नए सिरे से गठित हो जाएगा। उन्होंने बताया, अब तक जितने भी मामले आयोग में आए, उनमें समाधान कर पीडि़ताओं को न्याय दिलाने की हरसंभव कोशिश की गई।

महिला आयोग पर भारी पड़ा स्कूल प्रशासन

एक निजी स्कूल की शिक्षिका की शिकायत पर शुक्रवार को बिहार राज्य महिला आयोग में सुनवाई होनी थी। किंतु स्कूल के किसी प्रतिनिधि के हाजिर नहीं होने पर अगली सुनवाई 28 फरवरी को निर्धारित की गई। आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजधानी के एक निजी स्कूल की  शिक्षिका ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ महिला आयोग में मामला दर्ज कराया है। शिकायत में उन्होंने बताया है कि उसने स्कूल में बच्चों की पिटाई का विरोध किया था। इसकी शिकायत प्रधानाध्यापिका से की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। शिक्षिका ने मानवाधिकार आयोग और सीबीएससी से भी मामले की शिकायत की है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.