बिहार में दो साल पहले दोनों एक साथ बने थे अफसर, एक ने दूसरे को रिश्वत लेते पकड़ा
बिहार के एक युवा अफसर को एक दिन पहले रिश्वत लेते पकड़ लिया गया। संयोग से उसे पकड़ने वाला अफसर भी उसी के बैच का निकला। दोनों ने दो साल पहले ही बीपीएससी के जरिए नौकरी हासिल की थी।
पटना, राज्य ब्यूरो। निगरानी के साथ ही अब विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने रिश्वतखोरी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। एसवीयू का गठन 2006 में किया गया था। इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के बड़े मामलों का उद्भेदन और कार्रवाई था। अब इस इकाई ने रिश्वतखोरी के मामले भी कार्रवाई शुरू कर दी है। मंगलवार एसवीयू ने रिश्वत लेते बरबीघा के कार्यपालक पदाधिकारी विजय कुमार को गिरफ्तार किया। इनके पास से 48000 भी बरामद किए गए जो रिश्वत में लिए जा रहे थे। विजय कुमार बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं।
ठेकेदार से मांग रहे थे रिश्वत
एसवीयू द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बरबीघा के कार्यपालक पदाधिकारी ने शंभू कुमार नामक ठेकेदार से बकाया भुगतान के लिए रिश्वत की मांग कर रहे थे। रिश्वत की राशि नहीं देने पर करार रोकने की धमकी भी दी गई। इसके बाद ठेकेदार ने एसवीयू से इसकी शिकायत की। डीएसपी दिवेश के नेतृत्व में एक टीम को कार्यपालक गिरफ्तारी पर कार्रवाई का जिम्मा दिया गया। मंगलवार को ठेकेदार से जैसे ही विजय कुमार ने अपने कार्यालय कक्ष में ही रिश्वत की रकम ली एसवीयू की टीम ने उन्हें गिरफ्तार करते हुए रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली।
- बिहार में विशेष निगरानी इकाई ने रिश्वतखोरी के खिलाफ शुरू की मुहिम
- पहली कार्रवाई में बरबीघा के कार्यपालक पदाधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
- दो साल पहले आए सेवा में, गिरफ्तार करने वाले डीएसपी भी उसी बैच के
केवल दो साल पुरानी है नौकरी
रिश्वत लेते पकड़े गए कार्यपालक पदाधिकारी विजय कुमार को नौकरी में महज दो वर्ष ही हुए हैं। उन्हें गिरफ्तार करने वाले एसवीयू के डीएसपी दिवेश बीपीएससी के उसी बैच के अधिकारी हैं जिस बैच के विजय कुमार हैं। गिरफ्त में आने के बाद विजय कुमार के घर की तलाशी ली गई। इस दौरान उनके नाम से दो पैन कार्ड भी मिले। उनके नाम के अलग-अलग सीरिज के दो पैन कार्ड को लेकर आयकर विभाग को लिखा जाएगा।