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Bihar: शिवानंद ने जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र पर बोला हमला, तेजस्‍वी को लेकर कही यह बात

राजद नेता शिवानंद तिवारी ने जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र पर हमला बोला है। उन्‍होंने कहा है कि सामाजिक न्‍याय के लिए यह बहुत जरूरी है। उन्‍होंने राजद की कमान तेजस्‍वी यादव को सौंपने को लेकर भी अपना बयान दिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 08:39 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 08:39 PM (IST)
राजद नेता शिवानंद तिवारी एवं तेजस्‍वी यादव। फाइल फोटो

पटना, राज्‍य ब्‍यूरो। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (RJD Leader Shivanand Tiwari) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि आरएसएस के दबाव में जातिगत जनगणना (Caste Based Census) कराने से परहेज किया जा रहा है। राजद नेता ने कहा कि आरएसएस जाति आधारित जनगणना का विरोधी है। शिवानंद ने कहा कि जब जरूरत होती है तब प्रधानमंत्री खुद को पिछड़ी जाति का बताकर राजनीतिक लाभ लेते हैैं। किंतु जब पिछड़ों को हक देने का वक्त आता है तो आरएसएस के दबाव में आ जाते हैं। 

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सामाजिक न्‍याय के लिए जाति आधारित जनगणना जरूरी 

शिवानंद ने जाति आधारित जनगणना को सामाजिक न्याय के लिए जरूरी बताया और कहा कि पिछड़े वर्गों की शैक्षणिक और सरकारी कामकाज में भागीदारी का पता लगाने के मकसद से संविधान में आयोग बनाने का प्रविधान है। इसके तहत ही 1953 में काका कालेलकर के नेतृत्व में आयोग का गठन हुआ था। जातिगत जनगणना उसकी महत्वपूर्ण सिफारिशों में एक थी। किंतु रिपोर्ट मंजूर नहीं की गई। इससे देश को नुकसान हो रहा है। राजद नेता ने कहा कि देश में दलित, आदिवासी और पिछड़े तबके की जबतक तरक्की नहीं होगी, तबतक देश की तरक्की की बात बेमानी है। अफसोस है कि पिछड़ी बिरादरी से आने वाले प्रधानमंत्री ने भी जाति आधारित जनगणना कराने से इन्कार कर दिया है। 

तेजस्वी को अभी राजद की कमान देने की जरूरत नहीं 

शिवानंद तिवारी ने तेजस्वी यादव को राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के प्रयासों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि यह सब मीडिया का हंगामा है। पूरी पार्टी और जनता ने तेजस्वी को लालू प्रसाद के रूप मेंं स्वीकार कर लिया है। ऐसे में जल्दी क्या है। खुद तेजस्वी भी नहीं चाहेंगे कि वह अपने पिता की जगह लें। 

तेजस्‍वी यादव ने भी जातिगत जनगणन को लेकर केंद्र पर बोला हमला 

इधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर जातिगत जनगणना के लिए दबाव बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार को आखिर डर किस बात का है? जातिगत जनगणना के आंकड़े छुपाने का प्रयास क्यों किया जा रहा है? 

तेजस्वी ने केंद्र सरकार पर ओबीसी छात्रों की हकमारी का आरोप लगाया। कहा कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) में ओबीसी के हजारों छात्रों के साथ अन्याय हुआ। फिर भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री एकदम चुप हैंं।

महत्‍वपूर्ण मंत्रालय क्‍यों नहीं दिए  

राजद नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे कि हमने ओबीसी, एससी-एसटी वर्गों से मंत्री बनाए है। किंतु यह नहीं बताते कि इन वर्गों से कितने कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैैं? पिछड़े और दलित वर्गों के जो गिने-चुने मंत्री बनाए गए हैैं, उन्हें कम महत्व वाले विभाग दिए गए हैैं। कोई भी अहम विभाग इन वर्गों के पास नहीं है। तेजस्वी ने कहा कि 60 फीसद आबादी वाले वर्ग के मात्र चार-पांच मंत्री हैैं, जबकि दो से चार फीसद वाले वर्ग के दर्जनों मंत्री हैैं। 


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