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बिहार में प्रधानाध्यापकों के पदों पर होगी सीधी बहाली, 38 जिलों को रिक्तियों की सूची देने का आदेश

राजकीयकृत और परियोजना कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पदों पर सीधी बहाली होगी। इसके लिए बिहार माध्यमिक शिक्षा कार्यालय ने सभी 38 जिलों से राजकीयकृत एवं परियोजना कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पदों की रिक्तियां 31 दिसंबर तक मांगी है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 05:08 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 05:08 PM (IST)
बिहार में प्रधानाध्यापकों के पदों पर होगी सीधी बहाली, 38 जिलों को रिक्तियों की सूची देने का आदेश
परियोजना कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पदों पर सीधी बहाली होगी।

राज्य ब्यूरो, पटना : प्रदेश के राजकीयकृत और परियोजना कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पदों पर सीधी बहाली होगी। इसके लिए बिहार माध्यमिक शिक्षा कार्यालय ने सभी 38 जिलों से राजकीयकृत एवं परियोजना कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पदों की रिक्तियां 31 दिसंबर तक मांगी है। रिक्तियां आने के बाद सीधी नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को सौंपी जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि 31 दिसंबर तक रिक्तियां उपलब्ध करायें। रिक्तियां फार्मेट में मुहैयार कराएंगे। उसमें प्रखंड स्तर पर विद्यालय का नाम, स्वीकृत पद, कार्यरत बल, रिक्त पद एवं प्रधानाध्यापक की रिक्ति की तिथि के कालम दिए गये हैं। 

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अस्पतालों में पदस्थापित किए गए 834 विशेषज्ञ डाक्टर 

स्वास्थ्य विभाग ने तकनीकी सेवा आयोग की अनुशंसा के बाद नियुक्त 834 विशेषज्ञ डाक्टरों का विभिन्न अस्पतालों में पदस्थापन किया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। पदस्थापित किए जाने वाले विशेषज्ञ चिकित्सकों में शिशु रोग, जनरल फिजिशियन से लेकर हड्डी रोग तक के डाक्टर हैंं। डाक्टरों को जिला, अनुमंडल अस्पतालों के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए तकनीकी सेवा आयोग की अनुशंसा पर सही मानकर की जा रही है। नव-नियुक्त डाक्टरों का अब तक पुलिस सत्यापन भी नहीं किया गया है और न ही प्रमाण-पत्रों की जांच हो पाई है। लिहाजा, प्रमाण-पत्र सत्यापन के दौरान यदि किसी की रिपोर्ट प्रतिकूल पाई जाएगी तो डाक्टर की सेवा बगैर किसी सूचना के तत्काल समाप्त कर दी जाएगी। इसके अलावा वैसे डाक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी। विभाग ने कहा है कि डाक्टर का यह पदस्थापन औपबंधिक होगा। योगदान की तिथि के दो वर्ष के बाद इनकी सेवा संपुष्ट कर दी जाएगी। स्पष्ट किया गया है कि विशेषज्ञ डाक्टरों में से यदि कोई बांड पेपर की वजह से तीन सालों की अनिवार्य सेवा में कार्यरत हैं तो वैसे डाक्टर पूर्व आवंटित संस्थान से स्थायी रूप से विरमित होकर नए संस्थान में योगदान कर सकेंगे। 


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