Move to Jagran APP

अब हाइटेक हो रहीं बिहार की सड़कें, चलायी जा रहीं रोड एंबुलेंस, जानिए

बिहार की सड़कें भी अब हाइटेक हो जाएंगी। अब सड़कों के रख-रखाव के साथ ही उनके निर्माण के लिए भी कई तरह की तैयारियां की जा रही हैं। साथ ही रोड एंबुलेंस भी चलाई जा रही हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 31 Jan 2018 03:29 PM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2018 08:13 AM (IST)
अब हाइटेक हो रहीं बिहार की सड़कें, चलायी जा रहीं रोड एंबुलेंस, जानिए
अब हाइटेक हो रहीं बिहार की सड़कें, चलायी जा रहीं रोड एंबुलेंस, जानिए

पटना [जेएनएन]। बिहार की सड़कें अब हाइटेक होंगी। पांच घंटे में बिहार के किसी भी कोने से पटना पहुंचने के नीतीश सरकार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पथ निर्माण विभाग दृढ संकल्पित है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग अब सोशल साइट्स व सूचना तकनीक का सहारा लेने में जुटा है।

loksabha election banner

इसके साथ ही बिहार पथ निर्माण विभाग अब अपने पुराने कार्य प्रणाली में भी बदलाव कर प्रदेश में सड़क निर्माण की योजनाओं में तेजी लाने के लिए प्रयासरत है। गौरतलब है कि राज्य में नेशनल हाईवे 4590 किलोमीटर, स्टेट हाईवे 4227 किलोमीटर एवं 10,633 किलोमीटर मेजर डिस्ट्रिक्ट सड़कें हैं और अब इनके बेहतर रख रखाव के लिए विभाग तैयारियों में जुटा है।

पथ निर्माण विभाग द्वारा बिहार की सड़कों के रखरखाव के लिए परंपरागत प्रणाली से इतर एक गैर परंपरागत प्रणाली, ओपीआरएमसी को विकसित किया गया है, जिसके अंतर्गत पथ निर्माण विभाग प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ इत्यादि के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की आवश्यक मरम्मति का कार्य अविलंब कराने की व्यवस्था करेगा।

इन सड़कों के निर्माण के लिए रोड एम्बुलेंस (पेट्रोल मेंटेनेंस यूनिट) के  परिचालन की व्यवस्था की गई है। पेट्रोल मेंटनेंस यूनिट एक ऐसा जीपीएस सक्षम वाहन है जो दैनिक तौर पर पथ के रखरखाव और निरीक्षण हेतु उपयोग में लाए जाते हैं। आमतौर पर इसे रोड एम्बुलेंस के नाम से भी जाना जाता है। छह टन वजनी ट्रक को विशिष्ट वाहन के रूप में परिवर्तित किया गया है जिसमें संधारण से सुसज्जित सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं।

रोड एंबुलेंस में जीपीएस यंत्र लगा दिया गया है। रोड एंबुलेंस के परिचालन के केंद्रीयकृत अनुश्रवण एवं नियंत्रण हेतु सर्वर सहित अन्य यंत्रों से सुसज्जित कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसके माध्यम से रोड एंबुलेंस इत्यादि की आनलाइन ट्रैकिंग एवं मानिटरिंग हो रही है। फलस्वरूप रोड एम्बुलेंस नियमित परिचालन सुनिश्चित हो रहा है, जिससे पथों का बेहतर संधारण किया जा रहा है।

वहीं पथ संधारण लोक शिकायत निवारण प्रणाली के अधीन कॉल सेंटर में सड़कों से जुड़ी शिकायतें दर्ज की जाती हैं और उसका ससमय निवारण किया जाता है। इस व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से दूरभाष से प्राप्त शिकायतों एवं सुझावों में फोन करने वाले की आवाज को रिकार्ड करने की व्यवस्था की गई है।

आधुनिक तकनीक के तौर पर व्हाट्सएप्प जैसे लोकप्रिय सामाजिक मंच के प्रयोग ने लोक शिकायत निवारण प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया है। पथ से संबंधित शिकायतों एवं सुझावों का निराकरण कर संबंधित पथ प्रमंडलों को स्थानांतरित कर दिया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.