खरमास बाद गरमाएगी बिहार की सियासत, तेजस्वी ने तल्ख तेवर दिखाने के दिए संकेत
खरमास बाद राजद में बड़े टूट के भूपेंद्र यादव के दावे से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कुनबे में खलबली है। उन्होंने आनन-फानन में राजद उपाध्यक्षों के साथ बैठक बुलाकर पार्टी को मजबूत कने को विमर्श किया। खरमास बाद तेवर दिखाने की रणनीति बनाई ।
पटना, राज्य ब्यूरो । खरमास खत्म होने के बाद (after 14 January) वातावरण में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिहार की सियासत में भी उफान के आसार हैं। भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव (BJP Bihar In-charge) ने खरमास बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (leader of opposition Tejashwi Yadav) को अपनी पार्टी बचा लेने की चुनौती देकर उनके खेमे में खलबली मचा दी है। इसपर तेजस्वी ने भी तल्ख तेवर दिखाने के संकेत दे दिए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को राजद पदाधिकारियों के साथ बैठक करके रोडमैप तैयार कर लिया है। उन्हें लग रहा है कि राज्य में मध्यावधि चुनाव (Mid term election) हो सकता है। इसलिए सारे कार्यक्रम की रूपरेखा तय की जा रही है। बैठक में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, अब्दुलबारी सिद्दीकी, उदय नारायण चौधरी, तनवीर हसन एवं शिवचंद्र राम समेत सभी उपाध्यक्षओं ने भाग लिया। 16 जनवरी को फिर बैठक होनी है।
30 के बाद धन्यवाद यात्रा पर निकलेंगे तेजस्वी
राबड़ी देवी के सरकारी आवास में चार घंटे तक चली बैठक के दौरान तेजस्वी ने राजद नेताओं से साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया और कहा कि सभी अपनी-अपनी जिम्मेवारियों को समझें। बूथ स्तर तक कमेटियों को मजबूत करें। आगामी बजट सत्र (Budget session) में सदन में सत्ता पक्ष को घेरना है। विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए तेजस्वी 30 जनवरी के बाद धन्यवाद यात्रा निकालने वाले हैं। यात्रा की तारीख और रूट चार्ट प्रदेश कमेटी तय करेगी। किसानों-बेरोजगारों के समर्थन में 30 जनवरी को मानव श्रृंखला (Human chain) बनाई जाएगी। तेजस्वी ने कहा कि चुनाव में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसलिए हमें वोटरों का आभार जताना जरूरी है।
कार्यकर्ताओं में जोश भरने की नसीहत
नेता प्रतिपक्ष ने पंचायत से प्रदेश स्तर तक पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया और कहा कि कार्यकर्ताओं में जोश भरना जरूरी है। देखा जाता है कि हम चुनाव नजदीक आने पर ही हम आम लोगों तक पहुंच पाते हैं। सामान्य दिनों में कार्यकर्ताओं से दूर रहते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। संगठन के विस्तार और मजबूती की रणनीति पर अगली बैठक में विचार होगा।