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बिहार विधान सभा में विधायकों की पिटाई, पुलिस ने मुक्‍के मारकर बाहर फेंका, तेजस्‍वी ने भी की जवानों से हाथापाई

सदन में मंगलवार को बेहद शर्मनाक घटना घटी। विपक्षी विधायकों ने अध्‍यक्ष को उनके चैंबर में बंधक बना लिया। भारी संख्‍या में पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस ने विधायकों की जमकर पिटाई की। महिला विधायकों ने भी स्‍पीकर की कुर्सी को घेरा। तेजस्‍वी ने भी पुलिस से हाथापाई की

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 05:27 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 05:45 PM (IST)
बिहार विधान सभा में विधायकों की पिटाई, पुलिस ने मुक्‍के मारकर बाहर फेंका, तेजस्‍वी ने भी की जवानों से हाथापाई
स्‍पीकर के चैंबर के बाहर विधायकों और पुलिस में धक्‍का-मुक्‍की। जागरण फोटो।

पटना, जेएनएन। बिहार विधान सभा में मंगलवार को बेहद शर्मनाक घटना घटी। 23 मार्च का दिन विधान सभा के इतिहास में काले दिन के रुप में दर्ज होगा। राजद सहित सभी विपक्षी विधायक सुबह से ही सदन में भारी हंगामा और उत्‍पात मचा रहे थे। वे बिहार सशस्‍त्र पुलिस विधेयक 2021 का विरोध कर रहे थे। हंगामे के कारण तीन बार कार्यवाही स्‍थगित करनी पड़ी । चौथी बार विधायकों ने सदन की कार्यवाही रोकने के लिए स्‍पीकर को उनके चैंबर में ही बंधक बना लिया। इसके बाद पटना डीएम और एसएसपी सहित भारी संख्‍या में पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी। पुलिस से भी विधायकों ने धक्‍का-मुक्‍की की। इसके बाद पुलिस ने नेताओं को खींच-खींचकर हटाया। कई राजद नेताओं को मुक्‍का मारा और सदन से बाहर फेंक दिया। अंत में महिला विधायक स्‍पीकर के आसन को घेर कर खड़ी हो गई, उन्‍हें भी महिला पुलिस ने जबरन हटाया । करीब शाम सात बजे नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव अपने चैंबर से बाहर निकलकर आए। अपने नेताओं को समझाने की बजाय खुद भी पुलिस से हाथापाई की। इस बीच उनके बड़े भाई व विधायक वीडियो बनाते रहे। माना जा रहा है कि  वीडियो को वायरल करने की उनकी मंशा रही होगी। सदन में भारी संख्‍या में रैपिड एक्‍शन फोर्स को तैनात किया गया है। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर शाम साढ़े सात बजे तक विधायकों को एक-एक कर टांग कर निकालने का सिलसिला जारी  रहा। इसके बाद बिहार सशस्‍त्र पुलिस बिल पारित हुआ। स्‍पीकर ने कहा है कि आज सदन में तोड़-फोड़ और हंगामा करनेवालों पर जरूर कार्रवाई होगी। उन्‍होंने कहा कि आज से पहले भी राजद ने रात भर विरोध प्रदर्शन किया था मगर तब नेतृत्‍व परिपक्‍व था।

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स्‍पीकर को बंधक बनाया

हंगामा के कारण सुबह से ही ना प्रश्‍न काल चला, ना ही शून्‍य काल। दोपहर 12 बजे दोबारा सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी करते हुए रिपोटर्स टेबल (स्‍पीकर के आसन के सामने लगे टेबल जिसपर अधिकारी कार्यवाही की नोटिंग लेते हैं) पर कुर्सिया फेंकी, टेबल पर चढ़ गए। कागज फाड़कर उड़ाया। मार्शलों ने रोका तो धक्‍का-मुक्‍की की गई। दोपहर दो बजे तीसरी बार भी कार्यवाही नहीं चली। इसके बाद जब विधान सभा अध्‍यक्ष विजय कुमार सिन्‍हा अपने चैंबर में बैठे हुए थे तब विपक्षी विधायक उनके चैंबर को घेरकर नारेबाजी करने लगे। चैंबर के तीनों गेट पर भारी संख्‍या में जमा होकर बैठ गए। आगे महिला विधायकों को बैठा दिया गया। 4.30 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू कराने को स्‍पीकर चैंबर से निकले तो उन्‍हें विधायकों ने निकलने नहीं दिया। दूसरे दरवाजे से अध्यक्ष को निकालने की कोशिश की गई तब दूसरे दरवाजे को विधायकों ने रस्सी से बांध दिया। स्‍पीकर की चैंबर से निकलने की कोशिश बेकार हो गई। वे लौट कर चैंबर में चले गए।  बैठक बुलाने के लिए घण्टी 10 मिनट से बज रही थी। बैठक की शुरुआत होनेवाली थी। मगर विधायक स्‍पीकर को उनके कमरे में बंधक बनाए रहे।

पुलिस ने नेता को मुक्‍का मारा

इसके बाद विधान सभा में भारी संख्‍या में पुलिस बुलाई गई। पटना के डीएम और एसएसपी भी पहुंचे। घेराव में एक बार डीएम भी घिर गए। समझाने से विधायक नहीं मानें तब  बल प्रयोग कर उन्‍हें हटाया जाने लगा। बड़ी संख्या में महिला पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया।  इसके बाद पुलिस और विधायकों के बीच मारपीट शुरू हो गई।  विधायकों को रैफ ओर बिहार पुलिस के जवानों ने जबरन खींचकर हटाया। राजद नेता सत्येंद्र यादव को पुलिस ने मुक्का मारा।  कई विधायकों को पीटकर सदन से बाहर फेंक दिया।  काफी देर तक मारपीट के बाद डीएम ने विधान सभा का गेट खुलवाया।  पुलिस की इस कार्रवाई में राजद विधायक सुधाकर, सतीश दास, कांग्रेस के संतोष मिश्रा को काफी चोटें आई हैं। जिन्हें स्ट्रेचर पर डालकर इलाज के लिए ले जाया गया है।

राजद नेताओं ने मीडिया में हांफते हुए बयान दिया कि सदन में हमलोगों की जमकर पिटाई की गई। चाेर दरवाजे से सरकार बिल पास करा रही। सीएम नीतीश कुमार पुलिस के बल पर सदन चला रहे।

महिला विधायक आसन घेरकर खड़ी रही

विधान सभा का गेट खुलने पर थोडी देर आंधी के बाद सी शांति छाई रही। सदन की कार्यवाही शुरू होनेवाली थी मगर राजद की महिला विधायक विधान सभा अध्‍यक्ष के आसन के पास पहुंच गई और उनकी खाली कुर्सी को घेरकर खड़ी हो गई। बता दें कि स्‍पीकर की कुर्सी तक पहुंचना भी सदन की मर्यादा के विपरीत है। महिला विधायक  स्‍पीकर को आसन पर बैठने से रोक रही थी। इसके बाद महिला पुलिस कर्मियों ने महिला विधायकों को जबरन हटाया। महिला विधायकों ने भी पुरजोर विरोध और धक्‍का-मुक्‍की की।

दोपहर में सदन के अंदर भी स्थिति कुछ कम शर्मनाक नहीं रही। करीब दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू हो गई। जिसके बाद अधिशासी सदस्य प्रेम कुमार को आसन पर बिठाया गया। प्रेम कुमार ने पुलिस विधेयक पारित कराने की प्रक्रिया शुरू की। तब कुछ राजद विधायक आसन के पास पहुंच गए और उन्होंने प्रेम कुमार के हाथ से विधेयक की प्रतियां छीनी और उसे फाड़ दिया। सदन विपक्षी विधायकों की इस हरकत पर अचंभित था। तभी अचानक सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच हाथापाई शुरू हो गई।


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