बिहारः शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद, कन्हैया, जिग्नेश और हार्दिक नहीं आए नजर, क्या कांग्रेस का दावा होगा सच?
एनडीए राजद के साथ ही कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने दोनों सीटों पर जीत के लिए दर्जनों चुनावी सभाएं की। वहीं कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी के कई स्टार प्रचारक सूची में नाम शामिल होने के बाद भी चुनाव मैदान में कहीं नजर नहीं आए।
सुनील राज, पटना : बिहार विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार का दौर थम चुका है। अब नेता डोर-टू-डोर कैंपेनिंग कर रह हैं। एनडीए, राजद के साथ ही कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने दोनों सीटों पर जीत के लिए दर्जनों चुनावी सभाएं की। बड़ी बात यह है कि जहां क्षेत्रीय दल के तमाम स्टार प्रचारक मैदान में उतरे वहीं कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी के कई स्टार प्रचारक सूची में नाम शामिल होने के बाद भी चुनाव मैदान में कहीं नजर नहीं आए। पार्टी लगातार दावा कर रही है कि दोनों सीटों पर उसकी जीत तय है। अब स्टार प्रचारकों के नदारद रहने पर सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस विजय हासिल कर पाएगी?
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कांग्रेस ने तारापुर व कुशेश्वरस्थान सीट पर अपने उम्मीदवारों की जीत के लिए 20 स्टार प्रचारकों को मतदाताओं को रिझाने का जिम्मा सौंपा था। स्टार प्रचारकों में शामिल स्थानीय नेता तो चुनाव मैदान में भाग-दौड़ करते और प्रत्याशियों के पक्ष में जरूर हवा बनाते नजर आए पर इस सूची में शामिल कई दिग्गज तो बिहार ही नहीं आए और जो आए भी वे निजी कारणों से या पूरी व्यवस्था ना हो पाने की वजह से मैदान में नहीं उतर सके।
स्टार प्रचारकों में कई बड़े नाम
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में कन्हैया, जिग्नेश मेवानी, हार्दिक पटेल, शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद के साथ मीरा कुमार, तारिक अनवर, इमरान प्रतापगढ़ी, भक्त चरण दास जैसे केंद्रीय स्तर के नेता शामिल थे। शत्रुघ्न सिन्हा स्टार प्रचारक होते हुए भी बिहार तक नहीं पहुंचे। कन्हैया के साथ जिग्नेश मेवानी और हार्दिक पटेल पटना तक तो आए, लेकिन सिवाय कन्हैया दोनों अन्य नेता ना तो कुशेश्वरस्थान में दिखे ना ही तारापुर में। सदाकत आश्रम में सम्मान समारोह और रात्रि भोज के बाद हार्दिक और जिग्नेश वापस लौट गए, जबकि इनके नाम भी स्टार प्रचारकों में शामिल थे।
..आए जरूर पर चुनाव मैदान में नहीं उतरे
भाजपा छोड़ कांग्रेस के साथ आने वाले पूर्व सांसद कीर्ति आजाद कुशेश्वरस्थान तक आए, लेकिन एक रिश्तेदार के साथ ठहर वे वापस लौट गए। चुनाव मैदान में उतरना उन्हें गंवारा नहीं हुआ। इन नेताओं को लेकर पार्टी का एक धड़ा दबे स्वर में आक्रोश जता रहा है, जबकि पार्टी विधायक दल के नेता अजीत शर्मा कहते हैं कि कुछ अंदरूनी समस्याएं हो जाने की वजह से शत्रुघ्न सिन्हा प्रचार को नहीं आ पाए। जिग्नेश और हार्दिक का चुनाव क्षेत्र में जाने का कार्यक्रम नहीं था। हकीकत यह है कि दोनों नेताओं के नाम सूची में दर्ज हैं। कीर्ति आजाद के बारे में शर्मा का दावा है कि वे कुशेश्वरस्थान आए थे, परंतु स्थानीय नेता बताते हैं वे आए जरूर पर चुनाव मैदान में नहीं उतरे।