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Bihar Politics: अनुशासन तोडऩे वाले नेताओं से राजद परेशान, तेजस्‍वी पर बयानबाजी की दी तीखी प्रतिक्रिया

राजद में नेता कार्यकर्ता भी मनमाने ढंग से मीडिया में बयानबाजी कर देते हैं। ऐसे नेताओं पर अंकुश लगाने के लिए राजद को फिर से मीडिया में विज्ञप्ति जारी करनी पड़ी। उधर ललन सिंह द्वारा तेजस्‍वी को आड़े हाथों लेने पर राजद भड़क गया।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 03:55 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 04:01 PM (IST)
Bihar Politics: अनुशासन तोडऩे वाले नेताओं से राजद परेशान, तेजस्‍वी पर बयानबाजी की दी तीखी प्रतिक्रिया
नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की पहचान अनुशासन के लिए होती है। बिहार में पार्टी की कमान भी उन्हें इसी मकसद से दी गई है, परंतु कई मौकों पर उनका अनुशासन भी कारगर नहीं रह पाता है। यही कारण है कि ऐसे नेताओं पर अंकुश लगाने के लिए राजद को फिर से मीडिया में विज्ञप्ति जारी करनी पड़ी।

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राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने शुक्रवार को स्पष्ट किया है कि प्रदेश राजद में मीडिया प्रभारी किसी को नहीं बनाया गया है। यदि कोई खुद को मीडिया प्रभारी के रूप में बयान देता है या प्रेस विज्ञप्ति जारी करता है तो वह उसका व्यक्तिगत बयान माना जाएगा। राजद का अधिकृत बयान जारी करने के लिए केवल पार्टी के प्रवक्ता ही अधिकृत हैं, जिनकी सूची भी मीडिया को जारी की जा चुकी है।

राजग नेताओं को सपने में भी तेजस्वी ही दिख रहे : राजद

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बारे में जदयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के दिए गए बयान पर राजद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि जदयू-भाजपा के कई नेताओं को सपने में भी तेजस्वी ही दिखाई देते हैं। ये लोग जितनी ऊर्जा लालू परिवार की आलोचना करने में लगाते हैं, उतनी ही ऊर्जा अगर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने में लगाते तो बिहार में भी हरियाणा की तरह डीआरडीओ द्वारा कोविड अस्पताल का निर्माण हो गया होता।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि ललन सिंह खुद भी बिल से बाहर निकलें और मुख्यमंत्री समेत राज्य और केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों एवं सांसदों को बाहर निकालें तो बिहार की स्थिति में बदलाव तय है।

यह कहा था ललन सिंह ने

ललन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव की इस बात के लिए आलोचना की थी कि संकट के समय वे राज्‍य से बाहर चले जाते हैं। इसके कई उदाहरण्‍ हैं। हालांकि तेजस्‍वी कोई ज्ञानी पुरूष नहीं हैं कि उनकी बातों को गंभीरत से लिया जाए। इतिहास गवाह रहा है कि तेजस्‍वी यादव ने कभी जनता के बीच में रहकर सेवा नहीं की। तेजस्‍वी के बयान पर किसी तरह का नोटिस लेने की जरूरत नहीं है।


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