Bihar Politics: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भरी हुंकार, बोले, जातिगत जनगणना के लिए करेंगे आंदोलन
कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद विपक्ष के हौसले बुलंद हैं। खासकर बिहार में इसपर सियासत तेज हो गई है। अब जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस पर लालू प्रसाद ने हुंकार भरी है।
पटना, आनलाइन डेस्क। कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद विपक्ष के हौसले बुलंद हैं। खासकर बिहार में इसपर सियासत तेज हो गई है। अब जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) एक बार फिर चर्चा में आ गया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) ने कहा है कि इसके लिए आंदोलन करेंगे। केंद्र सरकार को जाति आधारित जनगणना करानी ही होगी। लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि कई मुद्दे हैं जिनके लिए सशक्त आंदोलन की जरूरत है। खासकर जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर व्यापक आंदोलन करना होगा। केंद्र सरकार को जातीय जनगणना करानी ही होगी। उन्होंने कहा कि महंगाई चरम पर है। जनता पिस रही है। देश को बेचा जा रहा है। इन सबके लिए आंदोलन करना होगा। साथ ही जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी आंदोलन करना होगा।
कृषि नहीं काला कानून था
कृषि कानूनों के संबंध में लालू प्रसाद ने कहा कि यह कृषि कानून नहीं था। यह काला कानून था। किसानों की छाती पर बैठकर जबरदस्ती किया गया था। दुनिया के इतिहास में इतना बड़ा किसानों ने बड़ा सत्याग्रह किया। उन्हें बलिदान देना पड़ा और प्रधानमंत्री बोलते हैं कि समझा नहीं पाए। दरअसल यह सब चुनावी स्टंट है। उत्तरप्रदेश, पंजाब आदि राज्यों में चुनाव होने हैं, इन्हें पता लग गया कि हारने वाले हैं तो इससे लाभ लेने के लिए उन्हें कृषि कानूनों की याद आई है। राजद सुप्रीमो ने ट्वीट कर कहा कि कानून बनाकर सबके लिए एमएसपी तय करना हागा। पार्लियामेंट में कानून को रद करना होगा। खाद का दाम आसमान छू रहा है। उसे कम करना होगा। ये देख रहे हैं कि चुनाव में हार तय है तो ये करके देख लेते हैं। लेकिन किसान इससे भ्रमित होनेवाले नहीं हैं।
बता दें कि जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी कहा है कि हम लोग फिर बैठेंगे। सर्वसम्मति से निर्णय करेंगे।