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तेजस्वी यादव बोले- नीतीश कुमार के इशारे पर हुई विधायकों की पिटाई, स्पीकर को सौंपी मारपीट की सीडी

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा में विधायकों की पिटाई की घटना की जालियांवाला बाग कांड से तुलना की है। तेजस्वी ने पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। राजद नेता ने स्पीकर को वह सीडी भी भेजी है जिसमें मारपीट के सुबूत हैैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 02:45 PM (IST)
तेजस्वी यादव बोले- नीतीश कुमार के इशारे पर हुई विधायकों की पिटाई, स्पीकर को सौंपी मारपीट की सीडी
सदन में नेता प्रतिपक्ष व राजद विधायक तेजस्वी यादव। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा में विधायकों की पिटाई की घटना की जालियांवाला बाग कांड से तुलना की है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को तेजस्वी ने पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। राजद नेता ने स्पीकर को वह सीडी भी भेजी है, जिसमें मारपीट के सुबूत हैैं। घटना 23 मार्च की है। सशस्त्र पुलिस विधेयक को सदन से पारित कराने के दौरान विपक्ष के विरोध के बाद पुलिस ने कई विधायकों से बदसलूकी की थी। स्पीकर ने इसे गंभीरता से लिया है और दोषियों पर कार्रवाई के लिए जांच के आदेश दिए हैैं। 

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मुख्यमंत्री के इशारे पर हुई पिटाई

राजद विधायक तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों की पिटाई मुख्यमंत्री के इशारे पर हुई है, जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए। कई अभी भी इलाजरत हैैं। महिला विधायकों के साथ भी दुव्र्यवहार किया गया। तेजस्वी ने विपक्षी विधायकों का बचाव करते हुए स्पीकर को सुबूतों के साथ पत्र लिखकर मारपीट करने वाले अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि विपक्ष के साथ जो व्यवहार किया गया, उसे सामान्य नहीं माना जा सकता है। विपक्ष के निहत्थे विधायक शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। किंतु सरकार के इशारे पर पुलिस ने जो किया, वह इस नए कानून के खतरे की झांकी भर है। 

विधानसभा की मर्यादा को किया तार-तार

तेजस्वी ने पत्र में लिखा है कि सदन के अंदर की इस घटना ने विधानसभा की मर्यादा को तार-तार कर दिया। यह विपक्ष पर नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र पर हमला है। जनता के विश्वास पर हमला है। सदन में ऐसी घटना कहीं-कभी नहीं हुई। पुलिस अराजक गुंडे की तरह उठा-पटक कर रही थी। जिस पुलिस को जनप्रतिनिधियों की हिफाजत करनी थी, वही उन्हें बूटो-पैरों तले रौंद रही थी। ऐसे अफसरों को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। 


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