मांझी की पार्टी बोली- सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है; तेज प्रताप से मुलाकात के बाद गर्म है माहौल
Bihar Politics जीतन राम मांझी की तेज प्रताप यादव के साथ बंद कमरे में मुलाकात ने कयासों को हवा और घी दोनों देने का काम किया है। संदर्भ दूसरा है मगर मांझी की पार्टी हम के सरफरोशी की तमन्ना... वाले ट्वीट को इससे जोड़कर देखने वालों की कमी नहीं है।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Bihar Politics: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी आजकल सियासत में चर्चा का सबसे बड़ा केंद्र बने हुए हैं। उन्होंने लगातार अपने बयानों से राजनीतिक माहौल को गर्म कर रखा है। इसी बीच राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के साथ बंद कमरे में उनकी मुलाकात ने कयासों को हवा और घी दोनों देने का काम किया है। मांझी की पार्टी हम के ट्विटर अकाउंट से आज 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है' ट्वीट किया गया। हम के आधिकारिक पक्ष के मुताबिक भले इन दोनों प्रसंग अलग हों, लेकिन पटना के राजनीतिक गलियारे की चर्चाओं में दोनों को एक साथ देखने वाले भी खूब हैं। पूरी स्टोरी आपको कुछ चौंकाने वाली जानकारी दे सकती है।
हर तरफ रास्ता खुला रखने की रणनीति
ऐसा माना जा रहा है कि मांझी की पार्टी हर विकल्प को खुला रखने की रणनीति पर काम कर रही है। हालांकि मांझी बार-बार यह कह रहे हैं कि उनके एनडीए छोड़ने का सवाल नहीं, लेकिन राजनीति में ऐसे बयानों का कितना मतलब है, इसे कौन नहीं जानता। अब मांझी के हालिया बयानों पर गौर कीजिए। उन्होंने कहा कि वे उन फैसलों को लागू करवाना चाहते हैं, जो बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने लिये थे। यह तो आपको पता ही होगा कि मांझी के ये फैसले नीतीश कुमार के फिर से मुख्यमंत्री बनते ही वापस ले लिये गए थे। हाल में मांझी की पार्टी ने भाजपा के खिलाफ काफी आक्रामक बयान दिए हैं।
कांग्रेस और राजद की ओर से लगातार मिल रहा न्योता
मांझी और तेज प्रताप की मुलाकात के बाद दोनों ही नेताओं ने कहा कि इस मिलन का कोई राजनीतिक मकसद नहीं था। बस निजी रिश्तों की वजह से ये मुलाकात हो गई। राजनीति को समझने वाला बच्चा भी यह समझता है कि सियासत में कोई मुलाकात खालिस निजी तो शायद ही होती है। तेज प्रताप और मांझी दोनों का आवास एक ही रास्ते में है, लेकिन आज की तरह इनकी मुलाकात शायद ही कभी हुई हो। शुक्रवार को तेज प्रताप अचानक मांझी के आवास पर पहुंच गए।
राजद और कांग्रेस से मिल चुका है न्योता
राजद और कांग्रेस पहले भी कई बार मांझी को एनडीए छोड़कर महागठबंधन में आने का न्योता दे चुके हैं। दोनों ही दलों ने बार-बार कहा है कि मांझी अगर एनडीए में असहज महसूस कर रहे हों तो वे अपने साथी बदल लें। यह भी जानना जरूरी है कि मांझी विधानसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले तक राजद के ही साथी थे। यही हाल एनडीए के एक और सहयोगी मुकेश सहनी का भी है। ये दोनों नेता टिकट बंटवारे में सहमति नहीं मिलने पर एनडीए में जुड़े।
मुकेश सहनी और मांझी हैं बैलेंसिंग फैक्टर
बिहार में सरकार बनाने के लिए विधायकों के जरूरी संख्या बल को जुटाने के लिए मांझी और मुकेश सहनी के चार-चार विधायक बैलेंसिंग फैक्टर हैं। इनके इधर-उधर होने पर सरकार के बनने-बिगड़ने का खेल हो सकता है। दरअसल कुछ ही दिन पहले मांझी के घर जाकर मुकेश सहनी ने भी ऐसी ही मुलाकात की थी। तब हम की ओर से कहा गया था कि इन दोनों नेताओं की मुलाकात अक्सर होती रहती है।
हम ने बिस्मिल को याद कर दोहराई पंक्तियां
हम के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से शहीद राम प्रसाद बिस्मिल को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए सरफरोशी वाले गीत की पंक्तियां ट्वीट की गई हैं। इसमें गीत की दो पंक्तियों को इस्तेमाल किया गया है, जिन्हें आप इस खबर में लगी तस्वीर में देख सकते हैं।
सुशील मोदी बोले: एनडीए एकजुट
वैसे, मांझी व मुकेश सहनी एनडीए में हैं। उन्होंने एनडीए छोड़ने जैसी कोई बात नहीं कही है। बीजेपी के राज्यभा सांसद सुशील मोदी की मानें तो नीतीश सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। जीतन राम मांझी को उन्होंने एनडीए का वरिष्ठ नेता बताते हुए कहा कि किसी जनप्रतिनिधि की किसी राजनेता से शिष्टाचार भेंट के राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। जीतन राम मांझी ने लालू-राबड़ी का कुशासन देखा है।