Bihar Politics: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का अब कांग्रेस अपनी किताब से देगी जवाब
अखिल भारतीय कांग्रेस के कम्यूनिकेशन विभाग ने खेती का खून तीन काले कानून पुस्तक प्रकाशित की है। इस पुस्तक की प्रतियां बिहार में जिलों से लेकर प्रखंड तक पहुंचाई जा रही हैं। पार्टी नेताओं को पुस्तक का गहन अध्ययन करने और सभाओं में पाठ करने के निर्देश दिए गए हैं
पटना, सुनील राज । किसानों के समर्थन में कांग्रेस भाजपा सरकार पर अपने हमले लगातार बढ़ा रही है। कांग्रेस जहां एक ओर पंचायत से जिला तक पदयात्रा प्रारंभ करने जा रही है, वहीं अब पार्टी ने 'खेती का खून तीन काले कानून' पुस्तक के जरिए भाजपा पर हमला बोला है। पुस्तक अखिल भारतीय कांग्रेस के कम्युनिकेशन विभाग की ओर से प्रकाशित कराई गई है।
कांग्रेस ने पार्टी प्रकाशित इस पुस्तक को सभी राज्यों के अपने जिलाध्यक्षों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मुहैया करा दिया है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि पार्टी नेता पुस्तक का गहनता से अध्ययन करें और प्रखंड से पंचायत तक आयोजित की जाने वाली पदयात्रा के बाद सभाओं में इसका पाठ करें ताकि आम जनसमुदाय को भाजपा सरकार द्वार लागू कृषि कानून की खामियों से परिचित कराया जा सके।
बड़ी संख्या में भेजी गई पुस्तक
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आसितनाथ तिवारी ने गुरुवार (11 फरवरी) को जागरण को बताया कि बड़ी संख्या में यह पुस्तक प्रदेश कांग्रेस को मुहैया करा दी गई है। पुस्तक आम लोगों तक पहुंचाने का काम भी शुरू हो गया है। इस पुस्तक में नए कृषि कानून की व्याख्या करते हुए बताया गया है कि यह किस प्रकार खेती का खून करने के लिए बनाए गए हैं। पार्टी प्रकाशित यह पुस्तक बताती है कि कृषि विरोधी तीनों कानूनों में एक संशोधन कानून है। जिसमें पूर्व के नियमों को संशोधित कर अनाज, दाल, आलू, प्याज और तेलहन को असीमित समय तक गोदामों में रखने की छूट दे दी गई है। कीमतों में 50 फीसदी या 100 फीसदी की बढ़ोतरी होने पर भी प्रोसेसर या वैल्यू चैन पार्टिसिपेंट पर जमाखोरी के आरोप नहीं लगाए जा सकेंगे, और ऐसा करना उनकी मानहानि मानी जाएगी।
पूरी तरह से नया है दूसरा कानून
दूसरा कानून व्यापार एवं वाणिज्य कानून 2020। यह पूरी तरह से नया कानून है। इस कानून के तहत फसल की कीमत बाजार से तय होगी और बाजार पर एमएसपी के प्रावधान लागू नहीं होंगे। इस कानून की धारा 2 में ट्रेड एरिया को परिभाषित किया गया है। विवाद होने की स्थिति में इसे न्यायालय तक नहीं ले जाया जा सकेगा।
पुस्तक से भाजपा की कलई खोलने का दावा
तीसरे कानून का नाम भाजपा ने किसान सशक्तिकरण एवं संरक्षण कानून दिया है। जिसमें स्पष्ट है कि एग्रीमेंट के समय फसल की क्वालिटी, ग्रेड और स्तर कंपनी के प्रतिनिधि तय करेंगे और फसल की कटाई के समय अगर यह उनके अनुरूप नहीं हुआ तो कंपनी उपज नहीं खरीदने के लिए स्वतंत्र होगी। पार्टी इस किताब को अपना हथियार बनाकर कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। जिला से लेकर प्रखंड तक यह पुस्तक पार्टी नेताओं को भेजी जा रही है। तिवारी बताते हैं कि पुस्तक भाजपा की कलई खोलने का काम करेगी और किसानों को किसानों को कानूनों की सही जानकारी देगी।